प्याज और सब्जियों के दामों में गिरावट से लगातार तीसरे हफ्ते खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से नीचे बनी रही. सात जनवरी को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से नीचे 0.42 प्रतिशत रही. थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति इससे पिछले हफ्ते शून्य से नीचे 2.90 प्रतिशत थी. 2011 की इसी अवधि में यह 16 प्रतिशत से भी अधिक थी.
गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक आलोच्य अवधि के दौरान प्याज की कीमतों में साल दर साल के हिसाब से 75.42 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, वहीं आलू की कीमतों में 23.84 प्रतिशत की गिरावट आयी। गेहूं के भाव भी 3.57 प्रतिशत कम हुए. इस दौरान सब्जियों की कीमतों में कुल मिलाकर पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 45.8 प्रतिशत की गिरावट आयी लेकिन प्रोटीन आधारित खाद पदाथरें समेत दूसरे खाद्य पदार्थों के भाव सालाना आधार पर बढ़े.
आलोच्य हफ्ते के दौरान सालाना आधार पर दाल के भाव 14.27 प्रतिशत, दूध के भाव 11.48 प्रतिशत और अंडे, मांस और मछली के भाव 19.64 प्रतिशत बढ़े. इस दौरान फल के दामों में 10.03 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, वहीं आनाज के भाव 2.26 प्रतिशत बढ़े.
सात जनवरी को समाप्त हफ्ते में प्राथमिक वस्तुओं की मुद्रास्फीति कुल मिलाकर 2.47 प्रतिशत रही जो इससे पहले के हफ्ते में 0.51 प्रतिशत थी. थोक मूल्य सूचकांक में प्राथमिक वस्तुओं का योगदान 20 प्रतिशत से अधिक है.
विशेषज्ञों का मानना है कि सकल मुद्रास्फीति में गिरावट के साथ-साथ खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट से भारतीय रिजर्व बैंक निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती के विकल्पों पर विचार कर सकता है.