प्याज और आलू जैसी सब्जियों के दाम कम होने से खाद्य मुद्रास्फीति लगातार दूसरे सप्ताह शून्य से नीचे रही. 31 दिसंबर 2011 को समाप्त सप्ताह के दौरान खाद्य वस्तुओं की मंहगाई दर शून्य से 2.90 फीसदी नीचे रही. यह अलग बात है कि आलोच्य सप्ताह के दौरान फल, दूध, अंडा और दाल जैसे खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़े.
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति इसके पिछले सप्ताह शून्य से 3.36 फीसदी पर थी जो पिछले वर्ष 2010 की समान अवधि में 19 फीसद से ऊपर थी. आंकड़े के मुताबिक समीक्षाधीन अवधि के दौरान सालाना स्तर पर प्याज 74.77 फीसदी सस्ता हुआ जबकि आलू की कीमत 31.97 फीसदी घटी.
गेहूं की कीमत भी 3.35 फीसदी गिरी. कुल मिलाकर सब्जियों की कीमत 31 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 49.03 फीसदी घटी. नवंबर के पहले सप्ताह से खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट हुई है और यह दोहरे अंक के दायरे से घटकर शून्य के नीचे आ गई.
विशेषज्ञों का मानना है कि खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट भारतीय रिजर्व बैंक को 24 जनवरी को होने वाली मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती पर विचार करने में मदद कर सकती है. हालांकि आलोच्य सप्ताह के दौरान अंडा, मांस जैसे अन्य खाद्य उत्पाद अपेक्षाकृत मंहगे हुए.
समीक्षाधीन अवधि में दाल 14.72 फीसदी ज्यादा मंहगी हुईं जबकि दूध 10.79 फीसदी मंहगा हुआ. अंडा, मांस और मछली की कीमत सालाना स्तर पर 15.22 फीसदी बढ़ी. फल सालाना स्तर पर 9 फीसदी मंहगे हुए जबकि अनाज की कीमत 2.03 फीसदी बढ़ी. इधर प्राथमिक उत्पाद खंड में मुद्रास्फीति 0.51 फीसदी बढ़ी जबकि पिछले सप्ताह यह 0.10 फीसदी थी. प्राथमिक उत्पादों का थोक मूल्य सूचकांक में 20 फीसदी योगदान है.