Microsoft Outage: माइक्रोसॉफ्ट की सर्विस अचनाक शुक्रवार को ठप हो गईं. इससे दुनियाभर में रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इस आउटेज की वजह से एविएशन सेक्टर समेत आईटी सेक्टर की अलग-अलग सर्विस प्रभावित हुई हैं. माइक्रोसॉफ्ट ने अपने एक ब्लॉगपोस्ट में बताया है कि इस आउटेज की वजह से पूरी दुनिया में 85 लाख माइक्रोसॉफ्ट डिवाइस प्रभावित हुए हैं.
ब्लॉग में कहा, CrowdStrike के अपडेट की वजह से 8.5 मिलियन विंडोज डिवाइस प्रभावित हुए हैं, या सभी विंडोज मशीनों में से एक फीसदी से भी कम को प्रभावित किया है. Microsoft ने आगे बताया है कि क्राउडस्ट्राइक ने एक स्केलेबल सॉल्यूशन डेवलप करने में मदद की है. यह Microsoft के एज्योर इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से ठीक करने में मदद करेगा.
Microsoft आउटेज से पहले CrowdStrike का मार्केट कैप 83 अरब डॉलर का था. इस आउटेज के बाद कंपनी के शेयर अचानक धड़ाम हो गए, जिसके बाद कंपनी का मार्केट कैप 8.8 अरब डॉलर कम हो गया हो गया. ऐसे में कंपनी को करीब 73 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
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भारत समेत पूरी दुनिया में मौजूद एयरलाइन, बैंक, हॉस्पीटल आदि अपने सिस्टम और डेटा को प्रोटेक्ट करने केलिए CrowdStrike की प्रोटेक्शन को चुनते हैं. लेकिन एक फॉल्टी अपडेट की वजह से शुक्रवार को दुनियाभर में हड़कंप मच गया. एयरपोर्ट पर तो हाथ से लिखकर बोर्डिंग पास दिए गए.
आसान शब्दों में समझें तो CrowdStrike एक क्लाउड आधारित एंटीवायरस सर्विस है. यह साइबर खतरों को चेक करने के लिए AI और Falcon का इस्तेमाल करता है. यह कंपनियों के सॉफ्टवेयर और क्लाउड आदि को साइबर अटैक से बचाता है.
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इसकी वजह से एयरलाइंस, कई बैंक, हॉस्पीटल समेत ढेरों जगह के कंप्यूटर और अन्य सिस्टम अचानक ठप पड़ गया. CrowdStrike की तरफ से कंपनियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से साइबर सिक्योरिटी मिलती है. CrowdStrike के CEO ने अपनी गलती स्वीकार की है और उन्होंने कहा कि एरर को पहचान लिया है और जल्द ही ये ठीक हो जाएगा.