10 जनवरी 2023 वह तारीख, जब Microsoft ने एक बड़ा फैसला लिया. माइक्रोसॉफ्ट ने Windows 7 और 8.1 का सपोर्ट खत्म करने का ऐलान किया. बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनका लैपटॉप या फिर पर्सनल कम्प्यूटर Windows 7 या फिर 8.1 पर काम करता है. इन लोगों के लिए माइक्रोसॉफ्ट के इस फैसले का मतलब क्या है?
सपोर्ट खत्म करने के मायने क्या होते हैं? कई लोगों के मन में सवाल आ रहा है कि क्या उनके लैपटॉप अब काम नहीं करेंगे? सपोर्ट खत्म होने के मतलब ये नहीं होता है. सपोर्ट खत्म होने का मतलब है कि इन ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने वाले लैपटॉप्स को सिक्योरिटी और बग्स का अपडेट नहीं मिलेगा.
जब माइक्रोसॉफ्ट किसी विंडोज सिस्टम के लिए सपोर्ट खत्म करता है, तो उसके लिए सिक्योरिटी पैच, बग फिक्स या दूसरे अपडेट्स जारी नहीं करता. इसका मतलब है कि इन ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने वाले कम्प्यूटर को नए थ्रेट्स से प्रोटेक्शन के लिए कोई अपडेट नहीं मिलेगा.
ना ही इन्हें लेटेस्ट ड्राइवर्स के साथ स्मूदली काम करने के लिए अपडेट्स मिलेंगे. आसान भाषा में कहें तो सपोर्ट खत्म होने के बाद आपका कम्प्यूटर काम करता रहेगा, लेकिन इसे कोई नया अपडेट नहीं मिलेगा. इसका नुकसान ये है कि आपका सिस्टम नए थ्रेड्स से लड़ नहीं सकेगा और आप हैकिंग का शिकार हो सकते हैं.
माइक्रोसॉफ्ट ने साल 2009 में Windows 7 लॉन्च किया था, जिसका अपडेट माइक्रोसॉफ्ट 2015 में खत्म करने वाला था. मगर इसकी पॉपुलैरिटी को देखते हुए सपोर्ट को 2020 तक बढ़ा दिया गया. वहीं विंडोज 7 को सिक्योरिटी अपडेट 2023 तक के लिए एक्सटेंड किया, जिससे लोग विंडोज 10 या फिर 11 तक एक्सटेंड कर सकते हैं.
दूसरी तरफ Windows 8.1 को साल 2013 में रिलीज किया गया था, जिसे मेनस्ट्रीम सपोर्ट 2018 तक मिलना था. कंपनी ने इसका सपोर्ट भी 2023 तक एक्सटेंड किया, जिससे यूजर्स लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम पर अपग्रेड कर सकें.