Type-C को कॉमन चार्जर बनाने की बात कई दिनों से चल रही थी. अब भारत सरकार ने इसको स्टैंडर्ड केबल बना दिया है. Type-C चार्जिंग केबल को मोबाइल फोन, लैपटॉप, नोटबुक और दूसरे आइटम्स के लिए मानक बना दिया गया है. इससे यूजर को अलग-अलग चार्जर रखने की जरूरत नहीं होगी. इस सुविधा के लागू होते ही एक चार्जर से कई डिवाइस चार्ज किया जा सकेगा.
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स या BIS ने कहा है कि Type-C स्टैंडर्ड भारत में बिकने वाले स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए होगा. इससे चार्जर की संख्या में कमी आएगी और लोग एक ही चार्जर से कई डिवाइस को चार्ज कर सकेंगे.
मानक बना Type-C
यानी कंज्यूमर्स को हर बार नए डिवाइस के साथ अलग चार्जर खरीदने की जरूरत नहीं होगी. BIS ने अपने स्टेटमेंट में ये भी कहा है कि इससे भारत सरकार के ई-वेस्ट को कम करने वाले मिशन को अचीव करने में मदद मिलेगी.
इसमें आगे बताया गया है कि कंज्यूमर्स को पहले अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए अलग-अलग चार्जर की जरूरत होती थी. इससे कस्टमर का खर्चा भी बढ़ जाता था. इसके अलावा ई-कचरा भी बढ़ता था और दूसरी परेशानियां होती थी.
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि दुनियाभर के देश इस दिक्कत को दूर करने पर काम कर रहे हैं. आपको बता दें कि दिसंबर 2022 में कंज्यूमर अफेयर के सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह ने दावा किया था कि स्टेकहोल्डर USB Type-C को स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप के लिए चार्जिंग पोर्ट बनाने के लिए तैयार हो गए हैं.
यूरोपियन यूनियन ने Type-C केबल को किया स्टैंडर्डाइज
BIS ने Type C चार्जर के लिए स्टैंडर्ड को भी नोटिफाई किया. हाल ही में यूरोपियन यूनियन ने Type-C केबल को स्टैंडर्डाइज करने के लिए ऑर्डर पास किया है. रोहित सिंह के अनुसार, यूरोपियन यूनियन के 2024 टाइमलाइन के अनुसार, कॉमन चार्जिंग पोर्ट को इस तरह जारी किया जाएगा कि इंडस्ट्री और कंज्यूमर्स आसानी से इसे अपना सके.
आपको बता दें कि अभी फोन, टैबलेट और लैपटॉप के लिए अलग-अलग चार्जिंग पोर्ट का उपयोग किया जाता है. जबकि आईफोन और कई एंड्रॉयड फोन के पोर्ट भी काफी अलग होते हैं. लेकिन, इस मानक के बाद सभी कंपनियों को अपने डिवाइस के साथ Type C चार्जिंग पोर्ट देना होगा.