क्या आपको पता है कि गूगल ऐपल को अपने डिवाइस में गूगल सर्च को डिफॉल्ट रखने के लिए करोड़ों देता है? हर साल कॉन्ट्रैक्ट के तहत गूगल ऐपल को पैसे देती है. इस बार भी कुछ ऐसा ही ही.
बर्नस्टीन के अनालिस्ट के हवाले से खबर है कि गूगल 2021 के लिए ऐपल को 15 बिलियन डॉलर दे सकता है. आपको बता दें कि पिछले साल यानी 2020 में ये 10 बिलियन डॉलर था. यानी अब 5 बिलियन डॉलर चार्ज बढ़ा दिए हैं.
गूगल ऐपल को पैसे क्यों देता है? जाहिर है ऐपल दुनिया की टॉप मोबाइल कंपनी है. ऐसे में इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत ऐपल अपने हर डिवाइस जैसे - आईफोन, मैक और आईपैड में डिफॉल्ट सर्च इंजन के तौर पर गूगल को ही रखता है.
अगर आप ऐपल के डिवाइस में सफारी ब्राउजर भी यूज करते हैं और वहां कुछ सर्च करते हैं तो वो गूगल सर्च ही होता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इसके लिए गूगल ऐपल को करोड़ों अरबों रुपये देती है.
अनालिस्ट्स ने ये अनुमान लगाया है कि 2021 में ऐपल ने अपना चार्ज बढ़ा दिया है और अब ये 15 बिलियन डॉलर हो चुका है. ये भी अनुमान लगाया गया है कि 2020 तक ये 18 से 20 बिलियन डॉलर तक हो जाएगा.
हालांकि इससे ऐपल की आलोचना भी होती रही है. आलोचना, इसलिए क्योंकि कंपनी प्राइवेसी को लेकर बड़े दावे करती है. ऐसे में डिफॉल्ट सर्च इंजन के तौर पर गूगल को रखने से प्राइवेसी पर आंच तो आती ही है.
इस आलोचना पर ऐपल की तरफ से कहा गया कि गूगल सबसे ज्यादा पॉपुलर सर्च इंजन है और हम गूगल को सपोर्ट करते हैं, लेकिन हमारे पास डक डक गो के लिए भी बिल्ट इन सपोर्ट है. डक डक गो एक सर्च इंजन है जिसे काफी सिक्योर और प्राइवेट माना जाता है.
इस डील से ऐपल और गूगल दोनों को फायदा होता है. ऐपल को गूगल की तरफ से मोटी रकम मिलती है, वहीं गूगल को इस वजह से ज्यादा यूजर्स मिलते हैं. ज्यादा यूजर्स यानी ज्यादा ऐड और यूजर डेटा. ज्यादा यूजर डेटा और ऐड से कंपनी खूब पैसे कमाती है.