विशाखापत्तनम (वाइजैग) वनडे से पहले टीम इंडिया कोच के रयान टेन डोशेट ने शुक्रवार को मीडिया को संबोधित किया. जहां उन्होंने कहा हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खराब प्रदर्शन ने भारतीय टीम में चल रही वनडे सीरीज जीतने को लेकर एक तरह की 'बेचैनी' पैदा कर दी है.
केएल राहुल नेतृत्व वाली टीम इंडिया ने पहले वनडे में रांची में 17 रन से जीत दर्ज की थी लेकिन अफ्रीका ने रायपुर में चार विकेट से जीतकर वापसी कर ली.
भारत दो मैचों की टेस्ट सीरीज 0-2 से हार गया था और वनडे सीरीज फिलहाल 1-1 की बराबरी पर है. शनिवार (6 दिसंबर) को तीसरे वनडे की पूर्व संध्या पर डोशेट ने कहा- खिलाड़ी इस बात वाकिफ हैं कि वे किस जिम्मेदारी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. हम हमेशा जीतना चाहते हैं लेकिन हां, जब लगातार कुछ हारें होने लगें और प्रदर्शन हमारी उम्मीदों से नीचे रहने लगे, तो सीरीज के लिहाज से एक तरह की बेचैनी महसूस होती है.
उन्होंने कहा- मुझे नहीं लगता कि इस टीम पर से कभी दबाव खत्म होता है. आप जानते हैं कि द्विपक्षीय सीरीज में, जब सीरीज दांव पर हो, तो अपने आप ही दबाव पैदा होता है. हम प्रोसेस पर ध्यान देते हैं. हम आकलन करते हैं कि अच्छा स्कोर क्या होगा और फिर बैटिंंग यूनिट को उसी हिसाब से खेलना होता है.
पूर्व डच ऑलराउंडर ने माना कि पिछली दो मैचों में ओस ने बड़ी भूमिका निभाई और वाइजैग में शनिवार को भी यह एक अहम फैक्टर हो सकता है. उन्होंने कहा- यहां ओस का असर बहुत ज्यादा है. यह हमारी गलती नहीं है लेकिन इसे मैनेज करना हमारी जिम्मेदारी है. अगर भारत दूसरी पारी में गेंदबाजी कर रहा है तो हमारा डिफेंड करने का काम अब काफी बेहतर हो रहा है.
और हमने आकलन किया है कि यह एक हाई-स्कोरिंग ग्राउंड है जहां बाउंड्री छोटी हैं. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती फिर वही है, पहली पारी और दूसरी पारी के बीच के फर्क को कम करना. यही हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
अब जबकि मैच 1.30 बजे शुरू होता है, क्या थोड़ा जल्दी शुरू करने से ओस का असर कम हो सकता है? इस सवाल पन डोशेट ने कहा कि यह अच्छी सोच है, लेकिन ब्रॉडकास्ट की मजबूरियों के चलते इसका समाधान निकालना मुश्किल है. टाइमिंग की बात करें तो ओस दूसरी पारी की शुरुआत के साथ ही गिरने लगती है और पूरी पारी के दौरान रहती है. अगर मैच जल्दी शुरू किया जाए तो इसका असर थोड़ा कम हो सकता है.
उन्होंने कहा- हमने इसे अपनी बल्लेबाजी में शामिल करने की कोशिश की. पहले मैच की शुरुआत में हमें लगा कि 320 अच्छा स्कोर है और फिर इसे बढ़ाकर 350 तक का लक्ष्य रखा. गेंद पर ओस का असर होने के बावजूद वह स्कोर अच्छा था. आप हमेशा ज्यादा रन चाहते हैं और हमारी बातचीत इसी पर होती है कि स्कोर को कैसे मैक्सिमम किया जाए. हालांकि कभी-कभी परिस्थितियां मुश्किल होती हैं, लेकिन फिर भी जिम्मेदारी यही है कि कठिन परिस्थितियों में भी रास्ता निकालें.