वास्तु शास्त्र के नियमों का मानना सिर्फ घर के लिए ही नहीं, बल्कि दुकान, शो-रूम या ऑफिस के लिए भी उतना ही जरूरी माना गया है. कहा जाता है कि अगर दुकान बनवाते समय वास्तु के नियमों का सही तरह से पालन किया जाए तो व्यापार में तरक्की, धन की वृद्धि और ग्राहकों की निरंतर आवक बनी रहती है. वहीं, वास्तु दोषों की अनदेखी करने से व्यवसाय में रुकावटें, नुकसान या ग्राहकों की कमी महसूस हो सकती है. आइए जानते हैं दुकान से जुड़े कुछ वास्तु नियंमों को जिसे भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
दुकान के सामने ना हों ये चीजें
वास्तु के अनुसार, दुकान के मुख्य द्वार या प्रवेश द्वार के सामने कुछ चीजें नहीं होनी चाहिए, क्योंकि ये सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को रोकती हैं.
सीढ़ियां: अगर दुकान के ठीक सामने सीढ़ियां हैं, तो यह शुभ नहीं मानी जातीं. इससे ग्राहकों का ध्यान भटकता है और ऊर्जा रुक जाती है.
टेलीफोन या बिजली का खंभा: यह भी बड़ी रुकावट माने जाते हैं. इनसे दुकान की प्रगति में बाधा आती है.
बड़ा पेड़: दुकान के सामने कोई बड़ा पेड़ भी नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे दुकान में आने वाली ऊर्जा का प्रवाह रुकता है और ग्राहकों की संख्या पर असर पड़ता है.
गंदगी या कचरा: दुकान के आस-पास सफाई रखें. गंदगी या बदबू नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और ग्राहकों पर गलत प्रभाव डालती है.
दुकान के अंदर इन बातों का रखें ध्यान
दिशा का चयन: दुकान की दिशा ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में रखने की कोशिश करें. यह दिशा समृद्धि और शांति की प्रतीक होती है.
भारी सामान: यदि दुकान में भारी माल या वस्तुएं रखनी हों, तो उन्हें दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर रखें. इससे संतुलन बना रहता है.
अलमारी या शोकेस: इन्हें दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें. यह स्थिरता और सुरक्षा का संकेत देती है.
पानी की व्यवस्था: यदि दुकान में पानी की व्यवस्था (जैसे कूलर, वाटर डिस्पेंसर या फव्वारा) है, तो उसे ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में ही रखना सबसे शुभ माना जाता है.
दुकान का रंग: हल्के और आकर्षक रंग जैसे क्रीम, हल्का पीला, या हरा रंग दुकान में शुभ माने जाते हैं. बहुत गहरे या काले रंग से बचें.
ग्राहकों के लिए खाली रखें ये दिशा
दुकान का संबंध सीधे ग्राहकों से होता है, इसलिए उनके आने-जाने की दिशा अत्यंत महत्वपूर्ण है. कोशिश करें कि ग्राहकों का आना-जाना पूर्व या उत्तर दिशा की ओर से हो. इन दिशाओं से आने वाले ग्राहक समृद्धि और निरंतर व्यापार का प्रतीक माने जाते हैं. दुकान में पूजा स्थल अवश्य बनाएं, और भगवान की मूर्ति या तस्वीर को ईशान कोण में स्थापित करें. यह न सिर्फ दुकान की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है, बल्कि व्यवसाय में सफलता भी दिलाता है.