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Shani Sade Sati: 2026 में इन राशियों पर साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव, मुश्किलों से बचा लेंगे ये उपाय

Shani Sade Sati: 2026 में तीन राशियों पर साढ़ेसाती का दौर जारी रहने वाला है. शनि देव फिलहाल मीन राशि में स्थित हैं और उनके इसी गोचर के कारण इन राशियों को अपने-अपने चरणों का फल भोगना पड़ सकता है.

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साल 2026 में शनि के चांदी पाए से इन राशियों को रहना होगा सावधा  (Photo: ITG)
साल 2026 में शनि के चांदी पाए से इन राशियों को रहना होगा सावधा (Photo: ITG)

Shani Dhaiya : ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. शनि को आयु प्रदाता, कर्मफलदाता और न्यायाधीश माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति के जीवन में मिलने वाले सुख–दुख, सफलता–असफलता, स्वास्थ्य, परिश्रम, तकनीकी क्षेत्र, लोहा–तेल–खनिज जैसे उद्योग, नौकरी-पेशा, सेवक, कारागार आदि सभी विषयों का नियंत्रण शनि ग्रह के हाथ में ही होता है. इसलिए शनि का गोचर हर व्यक्ति के जीवन में गहरा प्रभाव छोड़ता है.वर्तमान में शनि देव मीन राशि में संचरण कर रहे हैं और 2026 में भी मीन राशि में ही रहेंगे. जिससे कई राशियों को सकारात्मक व नकारात्मक दोनों तरह के परिणामों का अनुभव हो सकता है.

मेष राशि 
मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का प्रभाव बना रहेगा. मानसिक तनाव बढ़ सकता है. नए कामों में रुकावटें आ सकती हैं. वित्तीय मामलों में सावधानी आवश्यक है. किसी गलत निर्णय से धनहानि होने के योग होंगे. महत्वपूर्ण कामों में देरी सकती है. 

मीन राशि 
मीन राशि वाले 2026 में साढ़ेसाती के मध्य चरण से गुजरेंगे, जिसे सबसे चुनौतीपूर्ण माना जाता है. शारीरिक थकावट और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होंगी. भारी मानसिक दबाव महसूस करेंगे. पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ेंगी. करियर धीमी गति से आगे बढ़ेगा. 

कुंभ राशि  
कुंभ राशि की साढ़ेसाती 2026 में अपने अंतिम चरण में होगी. पुराने प्रयासों का फल देर से मिलता हुआ दिखेगा. कानूनी या दस्तावेजी कार्यों में सावधानी बरतने की जरूरत होगी. पुराने विवादों का समाधान देरी के साथ मिल सकता है. नौकरी बदलने का समय अनुकूल नहीं रहेगा. 

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ज्योतिष उपाय 

शनिवार को शनि देव के आगे दीपक जलाएं

शनिवार की शाम शनि प्रतिमा या पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. दीपक में एक लोहे की कील या काली उड़द दाल का दाना डालना शुभ माना जाता है. दीपक जलाते समय “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें. इससे मानसिक शांति और बाधाओं में कमी आती है. 

शनि चालीसा और शनि स्तुति का पाठ

शनिवार के दिन शनि चालीसा, शनि कवच, या हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें. शनि ग्रह पर हनुमान जी का विशेष प्रभाव माना जाता है, इसलिए हनुमान चालीसा का नियमित पाठ शनि दोष को काफी हद तक कम करता है. 

पीपल वृक्ष में जल और दूध अर्पित करें

हर शनिवार पीपल के पेड़ में जल एवं दूध मिलाकर अर्पण करें. इसके बाद पेड़ के 7 या 11 परिक्रमा करें. ऐसा करने से अटके और रुके हुए कार्य बनने लगते हैं  और शनि का कोप शांत होता है. 

काले तिल, उड़द दाल या काला कपड़ा दान करें

शनिवार को काले तिल, काली उड़द, काले जूते, काला कपड़ा या लोहे की वस्तुएं दान करने से शनि देव को प्रसन्न होते हैं. यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है, जिनकी कुंडली में शनि पीड़ित है. 

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