Samudrik shastra: शरीर पर कहीं भी तिल होना सामान्य बात है. तिल वैज्ञानिक दृष्टि से लानिन नामक पिगमेंट के एक जगह जमा होने से बनता है. इसके जमा हो जाने से शरीर के किसी भी पार्ट पर तिल निकल आता है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि ज्योतिष और सामुद्रिक शास्त्र में तिल का गहरा प्रभाव बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर निकलने वाले तिल से व्यक्ति के स्वभाव और जीवन पर असर पड़ता है. नाभि पर बना तिल भी एक खासियत रखता है.
नाभि पर तिल
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की नाभि के बिल्कुल पास तिल होता है, वे अक्सर आत्मकेंद्रित स्वभाव के होते हैं लेकिन साथ ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति भी रखते हैं. ये लोग भरोसेमंद मित्र साबित होते हैं और किसी भी राज को राज ही बनाए रखते हैं.
नाभि के ऊपर तिल
यदि नाभि के ऊपर तिल हो तो इसे धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. ऐसे व्यक्ति जीवनभर आर्थिक रूप से मजबूत रहते हैं और धन की कमी शायद ही कभी झेलते हैं.
पुरुष के नाभि पर तिल
पुरुषों में नाभि के बाईं ओर तिल होना शुभ माना जाता है. यह पारंपरिक रूप से समृद्ध जीवन, सफलता और परिवार के प्रति प्रेम का प्रतीक है. ऐसे पुरुष अपने परिवार को महत्व देते हैं और बच्चों को बहुत प्यार करते हैं. इनके जीवन में उन्नति की संभावनाएं ज्यादा होती हैं.
महिला की नाभि पर तिल
महिलाओं के लिए नाभि के आसपास स्थित तिल को सुखी वैवाहिक जीवन का संकेत माना जाता है. यह माना जाता है कि ऐसी महिलाएं परिवारिक सुख, समृद्धि और संतान सुख से परिपूर्ण जीवन जीती हैं. इनके जीवन में भावनात्मक स्थिरता और प्रेम की कमी नहीं रहती.