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Jagannath Temple: जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर पक्षियों का झुंड, क्या अशुभ घटना का है संकेत? VIDEO

Jagannath Temple: पुरी के जगन्नाथ मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पक्षियों का एक झुंड मंदिर शिखर पर उड़ता दिख रहा है. कुछ लोग इसे अशुभ संकेत मान रहे हैं, जबकि मंदिर प्रशासन ने इसे सामान्य घटना बताया है.

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जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर पक्षियों के मंडराने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल. (Photo: Screengrab/X_@jai_maa_durge)
जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर पक्षियों के मंडराने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल. (Photo: Screengrab/X_@jai_maa_durge)

Jagannath Temple: उड़ीसा के पुरी जगन्नाथ मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में पक्षियों का एक झुंड मंदिर के शिखर पर मंडराता हुआ दिखाई दे रहा है. कुछ लोग इस घटना को दुर्लभ बता रहे हैं और वो इसे एक पौराणिक ग्रंथ 'भविष्य मालिका' की भविष्यवाणी से जोड़कर देख रहे हैं. उनका मानना है कि यह दृश्य भविष्य में होने वाली किसी अशुभ घटना का संकेत दे रहा है. हालांकि मंदिर के अधिकारी इसे एक सामान्य घटना बता रहे हैं. लेकिन साल 2026 की शुरुआत में इस घटना ने अचानक से लोगों का ध्यान आकर्षित कर लिया है.

क्या है भविष्य मालिका?
भविष्य मालिका 15वीं-16वीं सदी में लिखा गया ओडिशा का एक ग्रंथ है, जिसे अच्युतानंद दास और पांच अन्य संतों द्वारा लिखा गया है. यह ग्रंथ कलियुग के अंत की भविष्यवाणियों पर आधारित है. इस ग्रंथ में एक श्लोक है- 

“नीलाचल छाड़ि आम्भे जिबु जेतेबेले
लागिब रत्न चांदुआ अग्नि सेते बेले
निशा काले मन्दिररु चोरी हेब हेले
बड़ देऊलुमोहर खसिब पत्थर
बसिब जे गृध्र पक्षी अरुण स्तम्भर।
बतास रे बक्र हेब नीलचक्र मोर।”

इस श्लोक का अर्थ है- 
जब मैं नीलाचल छोड़ दूंगा, तब मेरे रत्नजड़ित सिंहासन पर स्थित रत्नजड़ित छत्र में अग्नि प्रज्वलित होगी. मेरे श्रीमंदिर के परिसर में आधी रात को चोरी होगी और शिखर से पत्थर गिरेंगे. तूफान के कारण नीलचक्र मुड़कर टेढ़ा हो जाएगा और गिद्ध अरुण स्तंभ पर बैठ जाएगा.”

बता दें कि इसी साल अप्रैल के महीने में ही एक 'गरुड़' जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर सजे ध्वज को लेकर उड़ गया था और उसे पंजों में दबाकर मंदिर की परिक्रमा करने लगा था. उस दृश्य को देखकर भी स्थानीय लोगों में खलबली मच गई थी. तब भी कई लोगों ने इसे एक अपशकुन घटना बताया था. वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने कहा था कि 'गरुड़' जिस ध्वज को लेकर उड़ रहा था, वो जगन्नाथ मंदिर का नहीं था. वहीं मंदिर के पुजारियों ने उसे भी एक सामान्य प्राकृतिक घटना ही बताया था.

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