Garuda Purana: धार्मिक ग्रंथों में गरुड़ पुराण को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है. यह पुराण भगवान विष्णु और पक्षी राज गरुड़ के बीच हुए संवाद पर आधारित है, जिसमें जीवन, मृत्यु, धर्म, पाप-पुण्य, आत्मा की यात्रा और मोक्ष जैसे आध्यात्मिक बातों का जिक्र मिलता है. यह माना जाता है कि मृत्यु केवल शरीर का त्याग है, लेकिन आत्मा अपनी यात्रा आगे भी जारी रखती है. गरुड़ पुराण में इसी यात्रा को समझाते हुए बताया गया है कि व्यक्ति की मृत्यु के समय उसके पास कुछ पवित्र वस्तुओं का होना अत्यंत शुभ माना जाता है.
भगवान विष्णु ने गरुड़ को समझाते हुए कहा है कि यदि किसी मनुष्य के प्राण त्यागते समय चार पवित्र वस्तुएं उसके पास हों, तो उसकी आत्मा की यात्रा सरल, शांत और बिना बाधाओं के पूरी होती है.
1. तुलसी का पौधा
तुलसी को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है. तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है. अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु करीब हो तो परिवार के लोगों को उस व्यक्ति को तुलसी के पौधे के पास लिटा देना चाहिए. मरने वाले व्यक्ति के मुंह में तुलसी का पत्ता या मंजरी डालना भी शुभ होता है. ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति मंजरी से युक्त होकर प्राण त्यागता है उसे स्वर्ग लोक की प्रप्ति होती है.
2. गंगाजल
गंगाजल को अमृत के समान पवित्र माना गया है. मृत्यु के समय गंगाजल का स्पर्श या इसका सेवन व्यक्ति के पाप नष्ट करने वाला बताया गया है. गरुड़ पुराण के अनुसार, गंगाजल आत्मा को शुद्ध कर देता है. अंतिम समय में मरने वाले के मुख में गंगाजल डालने से व्यक्ति पर बड़ा उपकार होता है.
3. तिल का दान
तिल को पवित्रता, तप और आहुति का प्रतीक बताया गया है. यज्ञ और धार्मिक कर्मों में काले तिल का विशेष महत्व है. अंतिम समय में मरने वाले व्यक्ति के हाथों से तिल का दान या तिल को पास रखना भी आत्मा के बोझ को हल्का करता है और पापों से मुक्ति दिलाता है. यह आत्मा की यात्रा को सरल और शांत बनाता है.
4. कुश का आसन
कुश घास को अत्यंत पवित्र माना जाता है. यह शुद्धता और स्थिरता का प्रतीक है. कुश के आसन पर बैठकर किए गए कर्म अधिक फलदायी माने जाते हैं. मृत्युकाल में मरने वाले को कुश का आसन सुला देने से वैकुंठधाम की प्राप्ति होती है. खास बात यह है कि इस उपाय के करने से संतानहीन व्यक्ति या जिसका श्राद्ध कर्म करने वाला कोई ना हो उसे मुक्ति प्राप्त होती है.