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सबको समान और अपने जैसा मानकर ही समाज का विकास होगा: भागवत

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि इससे पहले हमें स्वस्थ होना पड़ेगा. हमारे समाज में यदि कोई पीछे है तो यह हमारे लिए अच्छी बात नहीं है. सबको समान और अपने जैसा मानकर ही समाज को आगे बढ़ा सकते हैं. कमजोर लोगों को ताकत देनी है.

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संघ प्रमुख मोहन भागवत
संघ प्रमुख मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से देश में तीसरी बार और राजस्थान में पहली बार आयोजित हो रहे तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेवा संगम की शुरुआत शुक्रवार को जयपुर में हो गई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सेवा संगम के उद्धाटन पर कहा कि दुनियाभर में मिशनरी समाज के लोग हॉस्पिटल, स्कूल चलने के साथ सेवा का काम कर रहे हैं. जब हमने देश घूमकर देखा संत समाज क्या कर रहा है तो हमें पता चला जो काम मिशनरी कर रहे है, संत उनसे अच्छा काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना से ही स्वयंसेवक सेवा कर रहे हैं. सेवा की मानसिकता सब में होती है, बस उसे जगाना पड़ता है. हम प्रयास कर रहे हैं कि सेवा के जरिए आज ही समाज स्वस्थ हो जाए.

सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि इससे पहले हमें स्वस्थ होना पड़ेगा. हमारे समाज में यदि कोई पीछे है तो यह हमारे लिए अच्छी बात नहीं है. सबको समान और अपने जैसा मानकर ही समाज को आगे बढ़ा सकते हैं. कमजोर लोगों को ताकत देनी है. उन्होंने कहा, 'हमारे समाज में कई ऐसी घूमंतू लोग हैं, जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी. वो झुके नहीं, स्वतंत्रता के लिए लड़ते रहे. वे कहीं न कहीं घूमते रहते हैं. उनके पास कोई वोटर आईडी, राशन कार्ड नहीं. विदेशी शासकों ने उन्हें अपराधी घोषित कर दिया. संघ की उन पर नजर पड़ी तो वहां भी सेवा करना शुरू कर दिया.

इस संगम में बिजनेसमैन अजय पीरामल, सुभाष चंद्रा सहित अलग-अलग कारोबारी समूहों के लोग भी पहुंचे हैं. पीरामल ने उद्धाटन सत्र में कहा कि आज का दिन मेरे लिए खास है क्योंकि मैं आप सभी के बीच में हूं. स्वयंसेवकों ने निस्वार्थ भावना से देश के लिए जीवन दिया है. कोरोना के दौरान आरएसएस कार्यकर्ताओं ने काफी अच्छा काम किया था. पीरामल बोले- मैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने गया था. उन्होंने मुझे कहा मेरी उम्र 62 साल है. फिर भी मैं अपने क्षेत्र की सबसे उम्रदराज महिला हूं. क्योंकि आदिवासियों की औसत उम्र आम लोगों से 12 साल कम होती है. यह सुन के मुझे काफी दुख हुआ. उसके बाद पीरामल फाउंडेशन की ओर से देशभर में 100 स्थानों पर आदिवासियों की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काम शुरू किया गया है. उन्हें भी आम लोगों की तरह जीवन यापन करने और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके.

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इसके साथ ही दक्षता, स्वास्थ्य, कौशल विकास और महिला सशक्तीकरण जैसे क्षेत्रों में संगठन ने लगातार काम कर रहा है. सेवा भारती द्वारा वंचित, अभावग्रस्त, उपेक्षित और पीड़ित बंधुओं की सेवा करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को प्रोत्साहन और सहयोग करने वाली संस्था है. सेवा भारती का लक्ष्य हर व्यक्ति तक रोजगार पहुंचकर उसे आत्मनिर्भर बनाना है. 3 दिन तक चलने वाले सेवा संगम के लिए केशव विद्यापीठ को अलग-अलग नगरों का रूप दिया गया है. सेवा संगम में सम्पूर्ण भारत से कुल 2700 प्रतिनिधि सहभागिता कर रहे हैं. इनमें  2350 पुरुष , 350 बहनें हैं. स्वागत समिति में  75, संरक्षक मंडल में 35, प्रबंधन में 900 प्रतिनिधियों की सहभागिता है.

सेवा क्षेत्र में जुड़े अखिल भारतीय स्तर पर कार्य करनेवाली कल्याण आश्रम, विहिप , भारत विकास परिषद, सक्षम आदि संगठनों से प्रतिनिधि भी उपस्थित हैं. राष्ट्रीय सेवा भारती स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका सुविधाओं से वंचित, पीड़ित, उपेक्षित और अभावग्रस्त लोगों के उत्थान के लिए संकल्पित है. प्रतिनिधियों ने कहा कि सेवा संगम में सहभागिता कर वे बेहद प्रसन्न हैं और गर्व की अनुभूति कर रहे हैं. ये उनके जीवन के अभूतवपूर्व पल हैं. सेवा संगम में स्वावलंबी भारत, समृद्ध भारत के स्वप्न को यथार्थ में बदलने पर चिंतन हो रहा है. उन्होंने सेवा संगम को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए सेवा भारती को विश्व भर में समर्थन मिल रहा है.

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‘नर सेवा नारायण सेवा’ के ध्येय वाक्य के साथ बीस वर्षों से वंचित, पीड़ित, उपेक्षित और अभावग्रस्त बंधुओं के उत्थान में जुटे संगठन राष्ट्रीय सेवा भारती का यह तृतीय महासंगम है. सेवा भारती 43045 सेवा परियोजनाओं द्वारा समाज को सशक्त, समरस बना एकता के सूत्र में बांधने के लिए प्रयासरत है. देश के 117 जिलों में 12187 स्वयं सहायता समूह संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें लगभग 120000 सदस्य हैं. इन समूहों में 2451 समूह स्वावलंबन के कार्यों में सक्रिय हैं. देश के 55 जिलों में स्वयं सहायता समूह वैभवश्री रचना में संचालित हो रहे हैं. इनमें 27494 सदस्य हैं. सेवा भारती का मुख्य और निहित उद्देश्य उससे जुड़े स्वैच्छिक संगठनों के सामूहिक प्रयासों के बीच तालमेल स्थापित करके एक सामंजस्यपूर्ण, सक्षम और आत्मनिर्भर समाज और एक समृद्ध भारत का निर्माण करना है.

सेवा संगम में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, सामाजिक क्षेत्र में किए गए श्रेष्ठ कार्यों की प्रदर्शनी भी लगी है. दशकों से सेवा भारती से जुड़े स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने स्वावलंबी भारत, मातृशक्ति सशक्तीकरण, किशोरी विकास, ग्राम्य विकास, वोकल फॉर लोकल और आपदा प्रबंधन के जो श्रेष्ठ कार्य किए हैं उनका यहां प्रदर्शन किया. वक्ताओं ने सफलता की इन गाथाओं की मुक्तकंठ से प्रशंसा की. इन क्षेत्रों में सेवा भारती के योगदान की भी सराहना की गई.

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