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Jaipur: सोशल मीडिया पर फंसाकर लूटने वाले 'टटलूबाज' गैंग का भंडाफोड़, 5 आरोपी गिरफ्तार

जयपुर पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए नकली नोट दिखाकर लोगों को फंसाने और सुनसान जगह पर लूटने वाले टटलूबाज गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने 50 लाख की ठगी में शामिल 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर 5 मोबाइल, 40 सिम, दो थार, एक स्विफ्ट कार, दो बाइक, नकदी और 3.50 लाख के नकली नोट बरामद किए. गैंग अब तक 50 से अधिक वारदातें कर चुका था.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.(Photo: Vishal Sharma/ITG)
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.(Photo: Vishal Sharma/ITG)

जयपुर पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप और टेलीग्राम के जरिए लोगों को ठगने वाले एक सक्रिय टटलूबाज गैंग का खुलासा किया है. पुलिस ने इस गैंग के पांच मुख्य सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो अब तक 50 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. यह गैंग लोगों को पैसे कई गुना करने का लालच देता था और असली नोट दिखाकर भरोसा जीतता था.

पुलिस के मुताबिक, गैंग पीड़ित को झांसे में लेने के बाद उसे सुनसान जगह पर बुलाता था. वहां असली नोट लेकर उसे नकली नोट पकड़ा दिए जाते थे. कई मामलों में पीड़ित को विरोध करने पर बांधा भी गया और उसका अपहरण कर अलग जगह फेंक दिया जाता था.

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सोशल मीडिया के जरिए जाल बुनकर करते थे ठगी

डीसीपी जयपुर साउथ राजर्षि राज ने बताया कि पुलिस टीम को गैंग के सक्रिय होने की गोपनीय सूचना मिली थी. सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक युवक अमित को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. पूछताछ में पूरे गैंग का खुलासा हुआ, जिसके बाद पुलिस ने अमित श्योराण, हर्ष यादव, सचिन, कमल चौधरी और राहुल डोडवालिया को गिरफ्तार किया.

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पुलिस ने इनके कब्जे से 5 मोबाइल फोन, 40 सिम, दो थार गाड़ियां, एक स्विफ्ट कार, दो पावर बाइक, रस्सी, टेप, 62 हजार रुपए नकद और 3.50 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं. गैंग जिस मॉडस ऑपरेंडी से ठगी कर रहा था, वह लंबे समय से चल रहा था.

पीड़ितों को बांधकर सुनसान इलाके में छोड़ देते थे

पुलिस के अनुसार, कई बार पीड़ित जब ठगी का विरोध करता था, तो आरोपी उसे रस्सी से बांधकर उसके मुंह पर टेप लगा देते थे. इसके बाद उसका अपहरण कर उसे सुनसान जगह फेंक देते थे, ताकि वह तुरंत पुलिस तक न पहुंच सके.

प्रारंभिक जांच में पुलिस को गैंग के पास से एक डायरी भी मिली है, जिसमें नवंबर महीने में ही करीब 50 लाख रुपए की ठगी का हिसाब मिला है. गैंग के प्रभाव और धमकी के कारण कई पीड़ित सामने नहीं आए थे. अब पुलिस ने पीड़ितों से संपर्क कर अलग-अलग मामले दर्ज कराए हैं और आरोपियों से पूछताछ जारी है.

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