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राजस्थान के 6 जिलों के कलेक्टर के नाम पर फ्रॉड... चित्तौड़गढ़, झालावाड़ से लेकर कोटा तक हड़कंप

राजस्थान में साइबर ठगों ने 48 घंटे के भीतर छह जिलों चित्तौड़गढ़, झालावाड़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, कोटा और बारां के कलेक्टरों की तस्वीरें लगाकर फर्जी व्हाट्सऐप अकाउंट बनाकर अधिकारियों को संदिग्ध मैसेज भेजे. फर्जी प्रोफाइल से “District Collector” नाम से एक जैसा मैसेज भेजा गया. एक नंबर वियतनाम का भी मिला. कलेक्टरों ने तुरंत पुलिस व साइबर सेल में शिकायत कर अधिकारियों को सतर्क रहने की सलाह दी.

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फोटो DM की, नंबर वियतनाम का निकला. (Photo: Representational)
फोटो DM की, नंबर वियतनाम का निकला. (Photo: Representational)

राजस्थान में साइबर ठगों ने धोखाधड़ी का ऐसा तरीका अपनाया है, जिसने प्रशासनिक ढांचे को झकझोर दिया है. महज 48 घंटे के भीतर चित्तौड़गढ़, झालावाड़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, कोटा और बारां इन छह जिलों के कलेक्टरों की तस्वीरें लगाकर फर्जी व्हाट्सऐप अकाउंट तैयार किए गए और अधिकारियों को संदिग्ध मैसेज भेजे गए. ठगों ने सबसे पहले चित्तौड़गढ़ कलेक्टर आलोक रंजन की तस्वीर का उपयोग करके एक फर्जी आईडी बनाकर एसडीएम व बीएलओ को संदेश भेजे गए. 

मामले का पता लगते ही कलेक्टर रंजन ने तुरंत पुलिस को अवगत कराया और सोशल मीडिया पर स्टेटस डालकर सभी अधिकारियों और आमजन से सतर्क रहने की अपील की. उसी दिन तीन अन्य जिलों के कलेक्टरों की नकल की गई प्रोफाइल भी सामने आ गईं, जबकि रविवार को दो और कलेक्टरों की फर्जी आईडी तैयार कर भेजी जा चुकी थीं.

फर्जी अकाउंट्स पर क्या लिखा गया
साइबर ठगों ने झालावाड़ कलेक्टर अजय सिंह राठौड़, प्रतापगढ़ कलेक्टर अंजलि राजोरिया, डूंगरपुर कलेक्टर अंकित कुमार सिंह, कोटा कलेक्टर पीयूष समारिया और बारां कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर की फोटो लेकर नकली प्रोफाइल बनाई. सभी फर्जी अकाउंट्स पर “District Collector” लिखकर एक जैसा अंग्रेज़ी संदेश भेजा गया- “Hello, How are you doing, Where are you at moment?”

नंबर वियतनाम का निकला
चित्तौड़गढ़ कलेक्टर आलोक रंजन ने बताया कि उनकी फोटो का इस्तेमाल करते हुए कई अधिकारियों को अलग-अलग नंबरों से मैसेज भेजे गए. वहीं बारां कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर ने कहा कि उनकी तस्वीर तो सही है, लेकिन नंबर वियतनाम का है. इस पर उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है और साइबर सेल जांच में जुटी है. कोटा कलेक्टर पीयूष समारिया ने भी पूरे मामले की जानकारी मिलते ही अपने अधीनस्थों को किसी तरह के लेन-देन से बचने की हिदायत देते हुए थाने में शिकायत दी.

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