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एक साथ पीहर आईं एक हजार बेटियां, छोटे से कस्बे में हुआ अनूठा आयोजन

पचपदरा में होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम 'बाबुल की गलियां' का आयोजन गुरुवार से शुरू हुआ. यह पहला मौका है जब इस खास कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. इसमें देश और विदेश की एक हजार बेटियां पीहर लौटी और कार्यक्रम में हिस्सा लिया. गुरुवार को कार्यक्रम का आगाज महेंदी प्रतियोगिता के साथ हुआ. 

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बाबुल की गलियां प्रोग्राम में हिस्सा लेने पीहर आईं बेटियां (फोटो-आजतक)
बाबुल की गलियां प्रोग्राम में हिस्सा लेने पीहर आईं बेटियां (फोटो-आजतक)

राजस्थान के बाड़मेर में एक ऐसे कार्यक्रम के आयोजन किया जा रहा है, जो देश के किसी भी राज्य में पहले कभी नहीं हुआ. यहां से दूसरे राज्यों और विदेशों में ब्याही गईं बेटियां अपने पीहर एक खास कार्यक्रम में हिस्सा लेने लौटीं. पचपदरा में होने वाले इस आयोजन को 'बाबुल की गलियां' नाम दिया गया है. तीन दिन चलने वाले इस कार्यक्रम को बेटियां खूब एंजॉय कर रही है.   गुरुवार को कार्यक्रम का आगाज महेंदी प्रतियोगिता के साथ हुआ. 

पचपदरा गांव की रहने वाली भावना जैन और ममता तलेसरा इचलकरंजी और मुंबई में अपने परिवार के साथ रहती हैं. दोनों को बाबुल की गलियां कार्यक्रम करने के आइडिया आया. इसके लिए इन्होंने देश और विदेश में ब्याही पचपदरा की बेटियों के नंबर पहले कलेक्ट किए. इसके बाद व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और इतने बड़े कार्यक्रम के लिए तैयार किया. अब देश और विदेश में रहने वाली बेटियां इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रही हैं. 

अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया से पीहर आईं एक हजार बेटियां
अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया से पीहर आईं एक हजार बेटियां

 

यह पहला मौका है जब 1 हजार से अधिक बेटियां पीहर पहुंची. जब एक साथ एक हजार बेटियों की शोभायात्रा निकाली गई तो हर कोई देखता रह गया.  इस कार्यक्रम के तहत जैन तीर्थ नाकोड़ा में विशाल भक्ति संध्या का आयोजन भी किया गया.  बेटियों ने जैनाचार्य का भव्य स्वागत अभिनंदन किया. कार्यक्रम में उन बेटियों ने भी हिस्सा लिया जो बुजुर्ग हो चुकी हैं. 

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पूरे गांव ने उठाया कार्यक्रम को सफल बनाने का जिम्मा
पूरे गांव ने उठाया कार्यक्रम को सफल बनाने का जिम्मा

 

सभी बेटियों से रजिस्ट्रेशन के साथ 1100-1100 रुपये फीस ली गई थी. जब पचपदरा के लोगों को इस आयोजन का पता लगा तो अलग-अलग लोगों ने आयोजन का खर्च उठाने की जिम्मेदारी ले ली.  ऐसे में बेटियों ने तय किया कि इकठ्‌ठा हुआ पैसा किसी अच्छे काम में लगाया जाए. पचपदरा में पक्षियों के लिए एक बड़े चुग्गा घर का निर्माण करवाने का फैसला किया गया जो बेटियों की तरफ से कस्बे को सौगात होगा.

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