ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक मल्टी-स्टेट इन्वेस्टमेंट कंपनी के राज्य प्रमुख प्रताप कुमार राउत को गिरफ्तार किया है. राउत पर देशभर के हजारों निवेशकों से 1000 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने का आरोप है.
EOW अधिकारियों के मुताबिक, यह कंपनी 2023 में गोवा में पंजीकृत की गई थी और उसने विदेशी मुद्रा बाजार में निवेश के नाम पर 11% से 18% तक मासिक रिटर्न देने का लालच दिया. कंपनी ने 10 राज्यों में तीन लाख से अधिक लोगों से निवेश कराया, जिनमें अकेले ओडिशा के 12,000 निवेशकों से 139 करोड़ रुपये जुटाए गए.
यह भी पढ़ें: IRCTC घोटाला: चुनाव से पहले लालू परिवार की बढ़ी मुश्किलें, लालू, राबड़ी और तेजस्वी पर आरोप तय
मामला तब खुला जब बिजय कुमार पाणिग्रही नाम के शख्स ने शिकायत दर्ज कराई कि उसने अपने रिटायरमेंट की पूरी बचत लगभग 92.6 लाख रुपये इस कंपनी में निवेश की थी. शुरुआत में कंपनी ने कुछ ब्याज राशि दी, लेकिन जल्द ही ऑपरेशन्स बंद कर दिए और वेबसाइट और कस्टमर सर्विस को ब्लॉक कर दिया. राउत ने लगातार आश्वासन दिए, पर पैसे वापस नहीं किए.
रकम की हेराफेरी, बैंक अकाउंट लगातार बदलता रहा
EOW की जांच में सामने आया कि कंपनी ने कटक और भुवनेश्वर में बड़े-बड़े प्रचार कार्यक्रम आयोजित किए, जिससे निवेशकों का भरोसा जीता गया. बाद में कंपनी ने अचानक गायब होकर निवेशकों के पैसे हड़प लिए. जांच में यह भी पता चला कि राउत ने कई फर्जी खातों और हवाला नेटवर्क के जरिये रकम इधर-उधर की और बार-बार बैंक अकाउंट बदलता रहा ताकि पकड़ में न आए.
यह भी पढ़ें: टीचर ही नहीं, नगर निकाय भर्ती में भी घोटाला! ममता के मंत्री के ठिकानों समेत 11 जगहों पर ED की रेड
कई राज्यों में फैला है स्कैम
यह घोटाला ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु और दिल्ली समेत दस राज्यों में फैला हुआ है. EOW अब इस फंड ट्रेल और नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान कर रही है. पुलिस का कहना है कि मामले में आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.