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भस्म आरती से पहले ही महाकाल के दरबार में भक्त ने तोड़ा दम, मौत से पहले ही दे दिया था संकेत

उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्म आरती से पहले पार्श्वनाथ सिटी निवासी सौरभराज सोनी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. वे हर सोमवार बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आते थे. दीपावली की रात भी आरती में शामिल होने पहुंचे थे कि गेट नंबर-1 पर गिर पड़े. मौत से कुछ घंटे पहले उन्होंने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा था मिट्टी का शरीर है, सांसें उधार की हैं, हम तो बस किराएदार हैं.

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महाकाल के दर्शन को पहुंचे सौरभ राज की मौत मंदिर में ही हो गई (Photo: ITG)
महाकाल के दर्शन को पहुंचे सौरभ राज की मौत मंदिर में ही हो गई (Photo: ITG)

उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में एक श्रद्धालु ने भस्म आरती से पहले ही अंतिम सांस ली. पार्श्वनाथ सिटी निवासी सौरभराज सोनी, जो हर सोमवार बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने आते थे, इस बार भी रात करीब 1 बजे मंदिर पहुंचे थे, लेकिन आरती शुरू होने से पहले ही उन्हें हार्ट अटैक आया और उन्होंने वहीं दम तोड़ दिया.

महाकाल के द्वार पर मिली अंतिम शरण

रविवार की आधी रात बीत चुकी थी. उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर दीपावली के अवसर पर भव्य रूप से सजाया गया था. भक्तों की भीड़ धीरे-धीरे आरती स्थल की ओर बढ़ रही थी. इसी बीच गेट नंबर-1 के पास खड़े 40 वर्षीय सौरभ राज सोनी अचानक जमीन पर गिर पड़े. पहले तो लोगों ने समझा कि उन्हें चक्कर आया है, वहां मौजूद कर्मचारियों ने तुरंत उन्हें संभाला और अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल में डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि उन्हें गंभीर हृदयाघात (हार्ट अटैक) आया था और वे रास्ते में ही दम तोड़ चुके थे.

मौत से पहले मिला संकेत

सौरभराज की मौत जितनी दुखद है, उतनी ही रहस्यमयी भी. दरअसल, उन्होंने अपनी मौत से कुछ घंटे पहले अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर एक लाइन लिखी थी 'मिट्टी का शरीर है, सांसें उधार की हैं… दिल तो महाकाल का है, हम तो बस किराएदार हैं.' उनके करीबियों का कहना है कि वे पिछले कुछ दिनों से बेहद शांत थे और अक्सर कहते थे कि अब बाबा बुला रहे हैं. किसी ने इसे सामान्य बात समझा, लेकिन सोमवार की रात उनका यह आभास सच्चा साबित हुआ.

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हर सोमवार आते थे भस्म आरती में

सौरभराज सोनी उज्जैन के फ्रीगंज क्षेत्र में एक छोटी सी चाय की दुकान चलाते थे. साधारण जीवन जीने वाले सौरभराज का पूरा विश्वास महाकाल पर था. वे पिछले कई वर्षों से हर सोमवार तड़के 1 बजे उठकर मंदिर पहुंचते थे ताकि भस्म आरती में सम्मिलित हो सकें. चाहे बारिश हो या सर्दी, वे कभी एक सोमवार नहीं चूके. उनके दोस्तों के अनुसार, सौरभराज कहते थे कि जब तक सांसें हैं, तब तक बाबा महाकाल की आरती देखूंगा.

दीपावली की रात भी पहुंचे थे दर्शन को

इस सोमवार को दीपावली का पर्व था. रात करीब 1 बजे वे अपने कुछ साथियों के साथ पार्श्वनाथ सिटी से महाकाल मंदिर पहुंचे. दर्शन से पहले उन्होंने हाथ जोड़े, सिर झुकाया, लेकिन तभी अचानक सीने में दर्द हुआ और वे वहीं गिर पड़े. मंदिर के कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी तुरंत हरकत में आए और उन्हें अस्पताल ले गए. हालांकि डॉक्टरों ने जांच के बाद कहा कि हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो चुकी है.

परिवार में मातम, शहर में सन्नाटा

सौरभराज की मौत की खबर जैसे ही उनके घर पहुंची, परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. दीपावली के दिन जब लोग अपने घरों को दीपों से सजा रहे थे, सौरभराज के घर सन्नाटा पसरा था. उनकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है. घटना के समय मंदिर में मौजूद भक्तों ने बताया कि जैसे ही यह खबर फैली कि एक व्यक्ति ने महाकाल के द्वार पर दम तोड़ा है, पूरा माहौल गमगीन हो गया. कई श्रद्धालुओं ने कहा कि यह कोई साधारण मौत नहीं, बल्कि महाकाल की कृपा है.
एक बुजुर्ग भक्त बोले, जिसे बाबा अपने चरणों में बुला लेते हैं, वह बड़ा भाग्यशाली होता है. सौरभराज को तो स्वयं महाकाल ने अपने दरबार में बुलाया.

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महाकाल के भक्तों में चर्चा

पूरे उज्जैन शहर में इस घटना की चर्चा है. सोशल मीडिया पर भी लोग सौरभराज के स्टेटस का स्क्रीनशॉट साझा कर रहे हैं. कई श्रद्धालुओं ने लिखा कि यह घटना इस बात का प्रमाण है कि भक्ति अगर सच्ची हो, तो भगवान भी अपने भक्त को अपने पास बुला लेते हैं. कई लोगों ने उनके परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि बाबा महाकाल उन्हें अपने चरणों में स्थान दें.

डॉक्टरों ने बताया सडन कार्डिएक अरेस्ट 

अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि यह केस सडन कार्डिएक अरेस्ट का था. संभवतः उनके दिल में पहले से कोई ब्लॉकेज था, जो उस वक्त बढ़ गया. डॉक्टरों का कहना है कि  हृदय रोग के मरीज लंबे समय तक उपवास या अत्यधिक परिश्रम से बचें.

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