मध्यप्रदेश विधानसभा का 5 दिवसीय शीतकालीन सत्र सोमवार (1 दिसंबर) से शुरू हो गया है. सत्र की पूर्व संध्या पर कांग्रेस ने रणनीति तैयार की ताकि बीजेपी सरकार को कथित अराजकता, विशेष गहन संशोधन (SIR) में अनियमितताओं व मौतों और किसान संकट सहित कई मुद्दों पर घेरा जा सके.
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को सत्र के सुचारू संचालन के निर्देश दिए. 1 से 5 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में चार बैठकें होंगी.
विधानसभा सचिवालय को अब तक 751 तारांकित और 746 अतारांकित प्रश्न प्राप्त हो चुके हैं, यानी कुल 1,497 प्रश्न. इसके अलावा, 194 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, 6 स्थगन प्रस्ताव, 14 निजी सदस्य संकल्प, 52 शून्यकाल सूचनाएं, नियम 139 के तहत 2 सूचनाएं तथा 15 याचिकाएं प्राप्त हुई हैं.
विपक्ष के नेता उमंग सिंगार ने रविवार को अपने निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई और बीजेपी सरकार की 'नाकामियों' पर चर्चा की. बैठक में नव नियुक्त मुख्य सचेतक सोहन वाल्मीकि का सम्मान किया गया.
विधायकों ने कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, SIR अभियान में कथित अनियमितताओं व मौतों, दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौत, मक्का-सोयाबीन सहित फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य, स्मार्ट मीटर थोपने का दबाव, दलित-आदिवासी अत्याचार, ओबीसी आरक्षण और बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाने का फैसला किया.
कई विधायकों ने सत्र की छोटी अवधि पर आपत्ति जताई. उमंग सिंगार ने कहा, “भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है, घोटालों की सूची लंबी होती जा रही है. सरकार सत्र की अवधि घटाकर विपक्ष की आवाज दबाने और जनता के मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है. हर कांग्रेस विधायक जनहित के मुद्दे पूरी दृढ़ता से उठाएगा.”
बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे, मुख्य सचेतक सोहन वाल्मीकि, वरिष्ठ विधायक राजेंद्र कुमार सिंह, बाला बच्चन, फूलसिंह बरैया, भंवरसिंह शेखावत, आरिफ मसूद, चंदा गौर सहित अन्य विधायक मौजूद रहे.