राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को उत्तराखंड के विधायकों से अपील की कि वे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोगों, खासकर वंचित वर्गों के विकास और कल्याण के लिए पूरी लगन से काम करें. उन्होंने कहा कि विधायक सरकार और जनता के बीच सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं.
राष्ट्रपति मुर्मू उत्तराखंड विधानसभा की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित एक विशेष सत्र को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि विधानसभाएं हमारी संसदीय प्रणाली का एक प्रमुख स्तंभ हैं, जिसमें संविधान निर्माताओं ने जवाबदेही को लगातार अधिक महत्व दिया है.
अपने विधायक रहने के अनुभव का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "यदि विधायक जन समस्याओं को हल करने और सेवा की भावना से लोगों के कल्याण के लिए सक्रिय रूप से जुड़े रहते हैं, तो लोगों और उनके प्रतिनिधियों के बीच विश्वास का बंधन अटूट रहेगा."
उन्होंने युवाओं की पीढ़ी को विकास के अवसर प्रदान करने को भी प्राथमिकता देने पर ज़ोर दिया. उत्तराखंड की उपलब्धियों की सराहना राज्य को रजत जयंती पर बधाई देते हुए, राष्ट्रपति मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया, जिनके कार्यकाल में नवंबर 2000 में उत्तराखंड का निर्माण हुआ था.
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उन्होंने कहा कि 25 साल की यात्रा में, उत्तराखंड ने पर्यावरण, ऊर्जा, पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे, डिजिटल और भौतिक कनेक्टिविटी सहित कई क्षेत्रों में प्रभावशाली विकास लक्ष्य हासिल किए हैं, जिससे राज्य में मानव विकास सूचकांक के कई पैरामीटर में सुधार हुआ है.
राष्ट्रपति ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य के प्रयासों की सराहना की और उम्मीद जताई कि सुशीला बलूनी, बछेंद्री पाल, गौरा देवी, राधा भट्ट और वंदना कटारिया जैसी असाधारण महिलाओं की गौरवशाली परंपरा जारी रहेगी. उन्होंने ऋतु खंडूरी भूषण को पहली महिला स्पीकर नियुक्त करने के लिए विधानसभा की प्रशंसा की.
राष्ट्रपति मुर्मू ने उत्तराखंड विधानसभा सदस्यों द्वारा समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने की भी प्रशंसा की. उन्होंने उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक, उत्तराखंड जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार विधेयक, और एंटी-कॉपीइंग बिल जैसे 550 से अधिक पारित विधेयकों का विशेष रूप से उल्लेख किया.