पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे का समाधान होना चाहिए. गिलानी ने कहा कि बगैर इस समस्या के समाधान के बिना क्षेत्र में शांति स्थापित नहीं हो सकती है.
तल्ख भारत विरोधी बयान देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने जम्मू कश्मीर में कब्जा किये बैठे बलों से दमन बंद करने को कहा. गिलानी ने कश्मीरी आवाम के लिये उनके आत्मनिर्णय के अधिकार को लेकर पाकिस्तान के राजनीतिक, नैतिक और कूटनीतिक समर्थन की पेशकश की और कहा कि भारत के साथ रचनात्मक और उद्देश्यपूर्ण बातचीत के जरिये मसला सुलझाया जा सकता है.
तथाकथित आजाद कश्मीर काउंसिल को संबोधित करते हुए गिलानी ने कहा कि हम यह भी उम्मीद करते हैं कि कब्जा किये बैठे भारतीय बल मानवाधिकार हनन और हिंसा को विराम देंगे और जम्मू कश्मीर विवाद के अंतिम निपटारे के लिये सौहार्दपूर्ण माहौल तैयार करेंगे. इस काउंसिल में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की सरकारों के प्रतिनिधि शामिल थे.
गिलानी ने दावा किया कि कश्मीर मुद्दा क्षेत्र में टिकाऊ शांति की कुंजी है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की संसद में कश्मीर की जनता के प्रति पाकिस्तान के लोगों की एकजुटता जताने के लिये एक प्रस्ताव भी पारित किया गया है. गिलानी ने कहा कि कई वक्तव्यों में पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व ने बल प्रयोग की निंदा की है और कश्मीरी जनता के मानवाधिकारों का सम्मान करने की मांग की है. उन्होंने कहा ये बयान और प्रस्ताव पूरे पाकिस्तानी मुल्क के जज्बात का असली अक्स हैं.{mospagebreak}गिलानी की यह टिप्पणी भारत में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू होने के कुछ दिनों बाद आयी है. उन्होंने कहा पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी जनता की आकांक्षाओं के अनुसार कश्मीर विवाद का उचित और शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिये प्रतिबद्ध है.
गिलानी ने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र में सामाजिक, आर्थिक विकास के वृहद अवसर खोलने के लिये ईमानदारीपूर्ण बातचीत के जरिये ही मसला सुलझाया जा सकता है. भारत और पाकिस्तान के बीच समग्र वार्ता बहाल करने पर जोर देते हुए गिलानी ने श्रीनगर-मुजफ्फराबाद बस सेवा और नियंत्रण रेखा के दोनों ओर व्यापार शुरु होने जैसे कश्मीर से जुड़े परस्पर विश्वास बहाली के उपायों को गिनाया जिन्हें बीते कुछ वर्षों में लागू किया गया है.
उन्होंने कहा कि श्रीनगर और मुजफ्फराबाद तथा पुंछ और रावलकोट के बीच बसों के फेरे बढ़े हैं और नियंत्रण रेखा के दोनों ओर कारोबार शुरु हुआ है. गिलानी ने कहा कश्मीरियों की समस्याएं कम करने और विवाद निपटारे के लिये अनुकूल माहौल निर्मित करने की हमारी इच्छाओं को पूरा करना आपसी विश्वास बहाली के इन उपायों का उद्देश्य है.
उन्होंने कहा मुंबई हमलों के बाद भारत ने समग्र वार्ता रोक दी है. पाकिस्तान ने समग्र वार्ता की बहाली की जरुरत पर जोर दिया है. गिलानी ने कहा कि हमने भारत पर इस बात का दबाव डाला है कि दोनों देशों के बीच कोशिशें आतंकवाद निरोध पर केंद्रित रहनी चाहिये जो एक असली मुद्दा है. एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप असली मुद्दा नहीं है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि शांति प्रक्रिया जल्द बहाल हो जायेगी और जम्मू कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने की दिशा में यह प्रक्रिया परिणाममूलक रहेगी.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा पुरजोर मानना है कि टिकाऊ हल के लिये कश्मीरियों को वार्ता प्रक्रिया से जोड़ा जाये. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अमरनाथ मुद्दे पर जम्मू कश्मीर में भड़के स्वदेशी विद्रोह ने कश्मीरी आवाम की तकलीफों में एक और बुरा अध्याय जोड़ दिया है.
गिलानी ने कहा कि वे लंबे समय से आर्थिक नाकेबंदी से जूझते रहे और उनकी जिंदगी तथा संपत्ति पर हमला हुआ. हुर्रियत के प्रमुख नेता शेख अब्दुल अजीज सहित कई कश्मीरी शहीद हुए. उन्होंने दावा किया कि ये घटनाएं आजादी के लिये कश्मीरियों के स्वदेशी संघर्ष को दर्शाती हैं.