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कोपहेगन जलवायु समझौते का भारत और चीन ने समर्थन किया

ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में स्वैच्छिक कटौती के लिए बीते वर्ष कोपनहेगन में किये गये जलवायु परिवर्तन समझौते का भारत और चीन ने बुधवार को औपचारिक रूप से समर्थन कर दिया.

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ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में स्वैच्छिक कटौती के लिए बीते वर्ष कोपनहेगन में किये गये जलवायु परिवर्तन समझौते का भारत और चीन ने बुधवार को औपचारिक रूप से समर्थन कर दिया.

दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सचिवालय में इस आशय का समर्थन पत्र औपचारिक रूप से जमा किया जिसमें कहा गया है कि वे कुछ शर्तों के अधीन इस समझौते की प्रस्तावना में सूचीबद्ध किये जाने को राजी हैं. संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन प्रमुख योवे डी बोएर को लिखे पत्र में भारत के पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा है, ‘यहां ध्यान रखने योग्य बात है कि भारत ने कोपनहेगन समझौते में सक्रिय भागीदारी की थी. भारत समझौते का समर्थन करता है.’

उन्होंने कहा, ‘यह समझौता दोनों ओर से हो रही बातचीत के लिए केवल आवश्यक सहयोग है. यह समझौता बातचीत के लिए कोई नया रास्ता या नतीजों के लिए कोई तय ढांचा नहीं है.’ जलवायु परिवर्तन पर चीन के मुख्य वार्ताकार सू वेई ने भी एक वाक्य का नोट लिखा है जिसके मुताबिक, ‘कोपनहेगन समझौते के पक्षों की सूची में चीन को शामिल करने की प्रक्रिया में सचिवालय आगे बढ़ सकता है इसकी पुष्टि के लिए हम लिखित समर्थन दे रहे हैं.’

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