कर्मचारियों की सालाना वेतनवृद्धि को लेकर मशहूर टेक फर्म आईबीएम बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है. कंपनी के बंगलुरु सेंटर में टाउनहॉल मीटिंग के दौरान बुधवार को सीईओ वर्जिनिया रॉमेटी ने अप्रेजल के नए तरीके पर बात की है. सूत्रों के मुताबिक, आईबीएम इंडिया ने कर्मचारियों की हर साल वेतन वृद्धि की नीति खत्म कर दी है.
जानकारी के मुताबिक, अब कंपनी पांच सूत्रीय चेकपॉइंट अप्रेजल सिस्टम के तहत कर्मचारियों के पिछले चार वर्षों के प्रदर्शन की समीक्षा करेगी. कंपनी के गुड़गांव दफ्तर में काम कर रहे एक कर्मचारी के मुताबिक, 'अब कुछ चेकपॉइंट्स या माइलस्टोन्स होंगे. इन्हीं के आधार पर आपके किए गए काम पर चर्चा होगी और आपको अब साल भर की जगह जल्दी-जल्दी फीडबैक दिए जाएंगे.
ज्यादा फीडबैक पर रहेगा जोर
उन्होंने कहा, 'इस बदलाव का मकसद मैनेजरों से ज्यादा से ज्यादा फीडबैक पाने का है, जो बताएंगे कि आपको कहां सुधार करना है और ऐसा चलता रहेगा.' आईबीएम की प्रवक्ता एक अंग्रेजी अखबार को रॉमेटी द्वारा टाउनहॉल मीटिंग आयोजित किए जाने की पुष्टि की. उन्होंने यह भी माना कि चेकपॉइंट अप्रेजल सिस्टम को लेकर भी बातचीत हुई है.
परफॉर्मेंस मैनेजमेंट इनिशिएटिव
प्रवक्ता ने कहा, 'आईबीएम की चेयरमैन और प्रेसिडेंट वर्जिनिआ रॉमेटी ने भारत में पहली बार वॉटसन इकोसिस्टम इवेंट में हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने कॉग्निटिव कम्प्यूटिंग के नए युग के लिए कंपनी के विजन की चर्चा की.' नए अप्रेजल सिस्टम के बारे में प्रवक्ता ने बताया, 'नई कामकाजी दुनिया के लिए चेकपॉइंट एक परफॉर्मेंस मैनेजमेंट इनिशिएटिव है. प्रोग्राम को तैयार करने में कर्मचारियों की भागीदारी भी रही है.'