मुंबई हमले में शामिल होने के आरोपी लश्कर ए तैयबा का कमांडर जकीउर रहमान लखवी और छह अन्य संदिग्धों की पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत में सुनवाई एक सप्ताह के लिए टल गई क्योंकि न्यायाधीश एक आधिकारिक बैठक में शामिल होने के लिए बाहर गए हुए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि आतंकवाद निरोधी अदालत के न्यायाधीश मलिक मोहम्मद अकरम अवान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ख्वाजा मोहम्मद शरीफ की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल होने के लिए लाहौर गए हुए हैं.
अदालत के अधिकारियों ने कहा कि न्यायाधीश की अनुपस्थिति के कारण सुनवाई 31 जुलाई तक टाल दी गई है. इस मामले की अन्य कार्यवाही में, अदालत आज लखवी की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी.
सू़त्रों ने बताया कि न्यायाधीश अवान निकट भविष्य में तीन सप्ताह के लिए छुट्टी पर जा सकते हैं और इस वजह से भी सुनवाई और टल सकती है.
बचाव पक्ष के वकीलों में शामिल शाहबाज राजपूत ने कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष की हिचकिचाहट वाली नीति से हमारे मुवक्किल के लिए मामला कष्टप्रद बनाया है.’’
लखवी के वकील ख्वाजा सुल्तान ने भी स्थगन की आलोचना करते हुए कहा कि अधिकारियों ने टालने की नीति अपना रखी है. मुंबई हमले में भारतीय अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए अजमल कसाब और रिहा किए गए फाहिम अंसारी के मामले में कामयाबी हासिल करने के अभियोजन पक्ष के प्रयासों के संदर्भ में सुल्तान ने कहा कि यह तब तक संभव नहीं है जब तक कि पाकिस्तान सरकार भारत से प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक आग्रह करे या फिर इंटरपोल से बात करे .
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद विरोधी अदालत के न्यायाधीश के पास इस मामले में कोई अधिकार नहीं है.’’ मुंबई घटना में शामिल होने से इन्कार कर चुके लखवी ने हाल ही में जमानत याचिका दायर करते हुए कहा था कि अभियोजन पक्ष हमले में उनके शामिल होने को लेकर कोई ठोस सुबूत नहीं पेश कर पाया है.
सात संदिग्ध व्यक्तियों पर आतंकवाद विरोधी अधिनियम, पाकिस्तान दंड संहिता और साइबर अपराध कानून के तहम मामला दर्ज किया गया है.