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युवक ने 13 दिन लड़ने के बाद कोरोना को दी मात, जानें आपबीती

लंदन से लौटने के बाद कोरोना के शुरुआती लक्षण दिखने के बाद उस युवक ने खुद ही अधिकारियों से संपर्क किया और फिर उसे जीजीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में उसका परीक्षण रिपोर्ट पॉजिटिव आया तो क्वारंटाइन कर डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू किया.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

  • दुबई होते हुए लंदन से हैदराबाद लौटा था यह युवक
  • आंध्र में अब तक 161 केस में 4 का सफल इलाज
देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते केस के बीच कुछ खबरें ऐसी भी आ रही हैं जो राहत देने वाली हैं. कोरोना के संक्रमण में आ रहे मरीजों में कई मरीज ठीक होकर वापस घर भी लौट रहे हैं. ऐसा ही एक युवा मरीज हैदराबाद का है जो अपनी मजबूत इच्छा शक्ति और प्रतिरक्षा के दम पर ठीक होकर वापस लौट गया.

22 साल का एक युवक जो कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण अस्पताल में भर्ती था और 13 दिन तक उपचार के बाद जब उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई तो डॉक्टरों ने उन्हें डिस्चार्ज करने का फैसला किया.

खुद ही किया था संपर्क

जिलाधिकारी मुरलीधर रेड्डी और एसपी नईम आसमी भी उस युवक को देखने अस्पताल आए थे जब वह इलाज करा रहा था. यह युवक लंदन से लौटा था और ईस्ट गोदावरी में 13 दिन पहले वह कोरोना पॉजिटिव हो गया था.

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कोरोना के शुरुआती लक्षण दिखने के बाद उस युवक ने खुद ही अधिकारियों से संपर्क किया और फिर उसे जीजीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में उसका परीक्षण रिपोर्ट पॉजिटिव आया तो क्वारंटाइन कर डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू किया.

कोरोना को हराने वाले युवक ने कहा, 'मैंने लंदन से दुबई फिर दुबई से हैदराबाद के लिए उड़ान भरा था. मेरा मानना ​​है कि मेरे सहयात्री को कोरोना पॉजिटिव था, और यात्रा के दौरान उससे मुझे कोरोना वायरस हो गया. शुरुआती लक्षण दिखने के बाद मैंने अपने परिवार को तुरंत सतर्क कर दिया और जिला चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया. फिर काकीनाडा के सरकारी अस्पताल में कोरोना आइसोलेशन वार्ड में चला गया.'

कोरोना से बचने के बाद युवक ने कहा कि शुरू में वह तनाव में था लेकिन स्वास्थ्य सेवा और जिला प्रशासन ने मुझे तनाव मुक्त करने में काफी मदद की. उन्होंने मेरे परिवार का भी टेस्ट लिया और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आया.

रोजाना 2 बार होता था टेस्ट

इस खतरनाक वायरस से 13 दिन तक लड़ने वाले युवक ने बताया कि कि यहां के डॉक्टरों ने मुझे भरोसा दिलाया और मेरा सही तरीके से उपचार किया. प्रतिदिन सुबह और शाम मेरा परीक्षण किया जाता था.

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युवक ने जीजीएच डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और स्वच्छता कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से अस्पताल में बेहतर सुविधाएं मिल सकीं. यह उनकी कड़ी मेहनत का नतीजा है कि मैं कोरोना को हरा सका.

युवक ने कोरोना को खत्म करने के लिए सभी लोगों से सामाजिक दूरी बनाए रखने और लॉकडाउन का पालन करने की अपील की. साथ ही यह भी कहा कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की ओर से दिए जा रहे गाइडलाइन का पालन जरूर किया जाए तभी तेजी से इलाज संभव है.

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आज शुक्रवार की सुबह तक आंध्र प्रदेश में 161 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं जिसमें 4 का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है.

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