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पंजाब के 12 सियासी दलों पर खतरा! चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस, रद्द हो सकती है मान्यता

चुनाव आयोग ने पंजाब की 12 राजनीतिक पार्टियों को वार्षिक ऑडिटेड खाते वक्त पर जमा न करने पर कारण बताओ नोटिस भेजा है. इनमें अपना पंजाब पार्टी और बसपा (आंबेडकर) जैसी पार्टियां शामिल हैं. आयोग ने 17 अक्टूबर 2025 को सुनवाई तय की है और इनकी मान्यता रद्द करने का प्रस्ताव दिया है.

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पंजाब के 12 राजनीतिक दलों को 'कारण बताओ' नोटिस (File Photo: PTI)
पंजाब के 12 राजनीतिक दलों को 'कारण बताओ' नोटिस (File Photo: PTI)

पंजाब की 12 राजनीतिक पार्टियों को चुनाव आयोग से तगड़ा झटका लगा है. अपना पंजाब पार्टी, बहुजन समाज पार्टी (आंबेडकर) सहित कई सियासी दलों को वार्षिक ऑडिटेड खाते (Annual Audited Accounts) जमा न करने पर कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. आयोग ने इन पार्टियों की मान्यता रद्द करने (delist) का प्रस्ताव दिया है. 17 अक्टूबर, 2025 को इन पार्टियों के प्रमुखों को सुनवाई के लिए बुलाया गया है.

पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने हाल ही में यह नोटिस जारी किया है. उन्होंने पंजाब की 12 राजनीतिक पार्टियों को कारण बताओ नोटिस भेजा है. यह कार्रवाई वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के वार्षिक ऑडिटेड खाते समय पर आयोग को जमा न करने के कारण की गई है. 

इस संबंध में 17 अक्टूबर, 2025 को दोपहर 12:00 बजे सुनवाई निर्धारित की गई है. चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए और संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए इन पार्टियों की मान्यता रद्द करने (Delist) का प्रस्ताव दिया है.

कानून और सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश...

चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 324 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत की है. आयोग पारदर्शिता और जवाबदेही पर सुप्रीम कोर्ट के एक महत्वपूर्ण निर्देश के फॉलो करने में काम कर रहा है. यह निर्देश Common Cause vs Union of India & Others (AIR 1996 SC 3081) मामले में दिया गया था, जिसके तहत आयोग ने पार्टी फंड और चुनाव खर्च में पारदर्शिता के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं.

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आयोग के दिशानिर्देशों के तहत सभी राजनीतिक दलों को चुनाव के ऐलान की तारीख से लेकर चुनाव पूरा होने की तारीख तक खर्च किए गए सभी चुनावी खर्च की जानकारी आयोग द्वारा निर्दिष्ट प्रोफार्मा में जमा करना जरूरी है. विधानसभा के आम चुनाव के मामले में यह विवरण चुनाव पूरा होने के 75 दिनों के अंदर और लोकसभा के आम चुनाव के मामले में 90 दिनों के अंदर जमा करना होता है.

यह भी पढ़ें: ‘दुनिया का पसंदीदा गंतव्य बनेगा पंजाब’, CM मान ने उद्योग जगत के दिग्गजों को दिया निवेश का आमंत्रण

कई पार्टियों की मान्यता खतरे में...

जिन पार्टियों को नोटिस मिला है, उनमें अपना पंजाब पार्टी, अपना समाज पार्टी, बहुजन समाज पार्टी (आंबेडकर), डेमोक्रैटिक भारतीय समाज पार्टी, डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया (आंबेडकर), जय जवान जय किसान पार्टी, जनरल समाज पार्टी, समाज अधिकार कल्याण पार्टी, सेहजधारी सिख पार्टी, शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) और शिरोमणि लोकदल पार्टी शामिल हैं.

आयोग ने अब इन पार्टियों को एक मौका दिया है कि वे कारण बताएं कि प्रस्तावित कार्रवाई क्यों न की जाए. 17 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई में पार्टी के अध्यक्ष/महासचिव/प्रमुख को अनिवार्य रूप से मौजूद रहना होगा, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी.
 

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