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नए साल की पार्टियों पर बीजेपी नेता राजा सिंह- ये पश्चिमी संस्कृति, गलत आदत से बचें युवा

बीजेपी से निलंबित चल रहे विधायक टी राजा सिंह एक बार फिर अपने बयानों की वजह से चर्चा में आ गए हैं. उन्होंने नए साल की पार्टियों को विदेशी संस्कृति का हिस्सा बता दिया है. यहां तक कहा गया है कि युवाओं को इस गलत आदत से सावधान रहना चाहिए.

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बीजेपी नेता टी राजा सिंह
बीजेपी नेता टी राजा सिंह

बीजेपी से निलंबित चल रहे विधायक टी राजा सिंह एक बार फिर अपने बयानों की वजह से चर्चा में आ गए हैं. इस बार उनकी तरफ से नए साल की पार्टियों को लेकर बयान दिया गया है. कहा गया है कि ये तो पश्चिमी संस्कृति है और युवाओं को इससे बचने की जरूरत है. इससे पहले भी टी राजा सिंह की तरफ से ऐसे ही बयान दिए गए हैं. कुछ विवादित बयानों ने तो उन्हें जेल की सजा तक करवा दी है.

टी राजा सिंह ने क्या बोला?

अब इस बार नए साल की पार्टियों को लेकर उनकी तरफ से एक बयान दिया गया है. जब उनसे न्यू ईयर पार्टी को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने दो टूक कह दिया कि ये तो भारतीय संस्कृति ही नहीं है. उन्होंने कहा कि ये कोई भारतीय नहीं बल्कि पश्चिमी संस्कृति का हिस्सा है. ये वो संस्कृति है जिसने देश पर 200 साल राज किया था. ये एक गलत आदत है और युवाओं को इससे बचने की जरूरत है. अब टी राजा सिंह का ये बयान टाइमिंग की वजह से सुर्खियों में आ गया है. इस समय हर तरफ 31 दिसंबर को जश्न की तैयारी की जा रही है. युवाओं में भी अलग ही स्तर पर उत्साह देखने को मिल रहा है. लेकिन उस उत्साह के बीच बीजेपी विधायक के इस बयान ने एक वर्ग को नाराज कर दिया है.

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राजा सिंह का राजनीतिक सफर

अभी तक बीजेपी की तरफ से टी राजा सिंह के विचारों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. विपक्षी नेताओं ने भी इस बयान को नजरअंदाज करने का काम किया है. टी राजा सिंह की बात करें तो इस साल उनकी तरफ से पैगंबर मोहम्मद को लेकर एक विवादित बयान दिया गया था. उस बयान ने उन्हें जेल भी पहुंचा दिया था और उनके खिलाफ पीडी एक्ट के तहत कार्रवाई हुई थी. 2020 में तो नफरत फैलाने के आरोप में उनका फेसबुक और इंस्टाग्राम ने बैन भी कर दिया था. राजा सिंह के राजनीतिक करियर पर नजर डालें तो उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. वो 2009 से 2014 तक ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में कॉर्पोरेटर थे. राजा सिंह 2014 के चुनाव से पहले टीडीपी छोड़कर बीजेपी में आ गए. 2014 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव जीता. उसके बाद 2018 में भी वो गोशमहल से चुनाव जीतने में कामयाब रहे. 2015 में राजा सिंह एक पुलिस कॉन्स्टेबल के साथ बदसलूकी कर विवादों में आ गए थे. 

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