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'नतीजे बताते हैं लोगों का समर्थन हमारे साथ,' उपचुनाव में जीत पर बोले उद्धव ठाकरे

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की उम्मीदवार ऋतुजा लटके ने रविवार को मुंबई की अंधेरी (ईस्ट) विधानसभा सीट पर उपचुनाव में एकतरफा जीत हासिल की है. ऋतुजा को 66,530 वोट मिले, उसके बाद दूसरे नंबर पर नोटा को 12806 वोट मिले. इस सीट पर कुल 86,570 वोट डाले गए थे. यहां लटके के अलावा, 6 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में थे.

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अंधेरी उपचुनाव में जीत के बाद ऋतुजा लटके ने मातोश्री पहुंचकर उद्धव ठाकरे से मुलाकात की.
अंधेरी उपचुनाव में जीत के बाद ऋतुजा लटके ने मातोश्री पहुंचकर उद्धव ठाकरे से मुलाकात की.

मुंबई की अंधेरी (ईस्ट) सीट से ऋतुजा लटके की एकतरफा जीत पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने खुशी जताई है और इशारों में सीधे बीजेपी पर हमला बोला है. उद्धव ने कहा कि लड़ाई की शुरुआत विजय से हुई है, इसीलिए भविष्य के लड़ाई की चिंता नहीं है. हमने एकता से ये लड़ाई लड़ी हैं. हमें पूरा विश्वास है कि आगे भी सभी चुनावों में हम ही जीतेंगे. उन्होंने नोटा के दूसरे नंबर पर आने पर इशारों में बीजेपी पर निशाना साधा. उद्धव ने कहा कि नोटा के पीछे कौन है- सब जानते हैं. बीजेपी ने क्या किया, मुझे इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी हैं. सभी मतदाताओं का शुक्रिया अदा करता हूं.

बता दें कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की उम्मीदवार ऋतुजा लटके ने रविवार को मुंबई की अंधेरी (ईस्ट) विधानसभा सीट पर उपचुनाव में एकतरफा जीत हासिल की है. ऋतुजा को 66,530 वोट मिले, उसके बाद दूसरे नंबर पर नोटा को 12806 वोट मिले. इस सीट पर कुल 86,570 वोट डाले गए थे. यहां लटके के अलावा, 6 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में थे. बता दें कि NOTA (None Of The Above) मतदाताओं को चुनाव में किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान ना करने का विकल्प देता है. 

ये सिर्फ एक लड़ाई की शुरुआत है

उपचुनाव के नतीजे आने के बाद ऋतुजा लटके ने उद्धव से उनके आवास मातोश्री में मुलाकात की. उसके बाद ठाकरे ने कहा- 'ये सिर्फ एक लड़ाई की शुरुआत है. (पार्टी) चिन्ह महत्वपूर्ण है, लेकिन लोग चरित्र की भी तलाश करते हैं. उपचुनाव के नतीजे बताते हैं कि लोग हमारा समर्थन करते हैं. उद्धव ने कहा कि शिवसेना का नाम और पार्टी का चुनाव चिन्ह (धनुष और तीर) इस चुनाव से पहले (चुनाव आयोग द्वारा) फ्रीज कर दिया गया था.

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विरोधी मैदान में होते तो नोटा के वोट मिलते

उन्होंने कहा- मैं शिवसैनिकों से भविष्य की सभी लड़ाइयों के लिए एकजुट होकर लड़ने की अपील करता हूं. इस चुनाव से पहले हमारी पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न फ्रीज हो गए थे. भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि शिवसेना के विरोधियों ने हार को भांप लिया था, इसलिए दौड़ से बाहर हो गए. उपचुनाव में नोटा के पक्ष में डाले गए 12,000 से ज्यादा वोटों के बारे में ठाकरे ने कहा- अगर हमारे विरोधी चुनाव मैदान में होते, तो उनके उम्मीदवार को उतने ही नोटा वोट मिलते.

मई में रमेश लटके के निधन से खाली हुई थी सीट

इस साल मई में शिवसेना विधायक और ऋतुजा लटके के पति रमेश लटके का निधन हो गया था, जिसके बाद ये सीट खाली हो गई थी. इस उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने उम्मीदवार के नाम को वापस ले लिया था, जिसके बाद ये मुकाबला एकतरफा हो गया था. कांग्रेस और एनसीपी ने उद्धव कैंप को समर्थन दिया था. शिवसेना के रमेश लटके दो बार अंधेरी (पूर्व) विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं. 

जून में उठापटक के बाद शिंदे बने सीएम

बताते चलें कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की थी. मई में रमेश लटके के निधन के बाद उद्धव कैंप के विधायकों की संख्या 55 हो गई थी. बाद में जून में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 40 विधायकों ने उद्धव के खिलाफ बगावत कर दी थी, जिसकी वजह से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी और बीजेपी के साथ गठबंधन में शिंदे ने सरकार बना ली थी. एकनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बनाए गए थे.

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