उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रविवार को हुई किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) ने सूबे समेत पूरे देश की राजनीति को गरमा दिया है. नौ महीने से चल रहा किसान आंदोलन फिर से उफान पर है. इस बीच राजनीतिक दलों द्वारा भी एक दूसरे पर हमला किया जा रहा है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सोमवार को किसान महापंचायत के पक्ष में ट्वीट किया तो बीजेपी के अमित मालवीय ने उनके दावे पर सवाल खड़े किए.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि डटा है, निडर है, इधर है, भारत भाग्य विधाता! राहुल गांधी ने बीते दिन भी किसान महापंचायत के समर्थन में ट्वीट किया था.
That Rahul Gandhi has to use an old picture to claim success of the Mahapanchayat just shows how the propaganda to call it a well attended “farmer” agitation hasn’t worked. It is political. With religious slogans raised, it leaves no one is doubt, what the actual motivation is! https://t.co/lzXKEupqos pic.twitter.com/oqZioPm8u4
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 6, 2021
राहुल गांधी के इस ट्वीट के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने उनपर पलटवार किया. अमित मालवीय ने दावा किया कि जो तस्वीर राहुल ने शेयर की है, वह काफी पुरानी है. इसी के साथ उन्होंने लिखा कि राहुल गांधी को किसान महापंचायत के लिए पुरानी तस्वीर का इस्तेमाल करना पड़ रहा है, यही बताता है कि किसान आंदोलन के नाम पर फैलाया गया प्रोपगेंडा काम नहीं कर रहा है.
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने आगे लिखा कि ये पूरी तरह से राजनीतिक मामला है. जहां पर धार्मिक नारे लगाए जा रहे हैं, किसी को कोई शक नहीं है कि इसका मकसद क्या है.
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ट्वीट पर पलटवार किया. संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा कि देश में जब भी भ्रम की राजनीति होती है, तो उसमें राहुल गांधी का हाथ होता है. राहुल जमीन पर नहीं उतरते लेकिन ट्विटर के जरिए भ्रम फैलाते हैं.
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सड़कों पर पिछले करीब एक साल से किसानों का जमावड़ा है, किसानों की मांग है कि तीनों कानून वापस लिए जाएं. इसी को लेकर मुजफ्फरनगर में किसानों ने महापंचायत की, जहां पर लाखों किसान जमा हुए.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिमी इलाके में किसानों के मसले पर इस तरह की एकजुटता कई तरह के सियासी संदेश दे रही है.