राज्यसभा में हंगामा करने वाले 8 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है. टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह समेत 8 निलंबित सांसद कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं. वे सदन से बाहर नहीं जाने पर अड़े हैं. निलंबित सांसदों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. वह वेल तक पहुंच गए. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा.
इससे पहले सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सांसदों के निलंबन की घोषणा की. इसके बाद हंगामा हुआ तो सदन को 10 बजे तक स्थगित कर दिया गया. दोबारा जब कार्यवाही शुरू हुई तो निलंबित सांसद नारेबाजी करते हुए वेल तक पहुंच गए. उपसभापति ने उनसे सदन से बाहर जाने को कहा, लेकिन सांसदों का हंगामा जारी रहा. उपसभापति की चेतावनी के बाद भी वे सदन से बाहर नहीं जाने पर अड़े रहे. हंगामा बढ़ता देख सदन को फिर आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया.
उपसभापति ने क्या कहा
राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि विपक्ष के नेता को किसी भी बिल पर बोलने की इजाजत है, लेकिन निलंबित सांसदों को नियम 256 के तहत सदन से बाहर जाना होगा. उपसभापति के आदेश के बावजूद निलंबित सांसद सदन में मौजूद रहे.
ये सांसद हुए निलंबित
निलंबित होने वाले सांसदों में डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, रिपुन बोरा, सैयद नजीर हुसैन, केके रागेश, ए करीम, राजीव साटव, डोला सेन हैं. सभापति ने सोमवार को सदन की कार्यवाही के दौरान कहा कि कल का दिन राज्यसभा के लिए बहुत खराब दिन था. कुछ सदस्य सदन के वेल तक आ गए. उपसभापति के साथ धक्कामुक्की की गई. कुछ सांसदों ने पेपर को फेंका. माइक को तोड़ दिया. रूल बुक को फेंका गया. सभापति ने कहा कि इस घटना से मैं बेहद दुखी हूं. उपसभापति को धमकी दी गई. उनपर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई.
बता दें कि रविवार को कृषि बिल पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सांसद वेल में पहुंच गए. हालांकि विपक्ष के हंगामे के बीच नरेंद्र सिंह तोमर जवाब देते रहे. टीएमसी सांसद ने रूल बुक को फाड़ दिया. कुछ सांसदों ने आसन के सामने लगे माइक को भी तोड़ दिया.