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हिमाचल प्रदेश: PM मोदी का दौरा कवर करने के लिए पत्रकारों को नहीं देना होगा कैरेक्टर सर्टिफिकेट! DGP की सफाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश के दौरे पर जाने वाले हैं. इससे पहले वहां एक नए विवाद ने जन्म ले लिया था. दरअसल, प्रशासन ने पत्रकारों के लिए एक आदेश जारी कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि कवरेज के लिए आने वाले पत्रकारों को अपना कैरेक्टर सर्टिफिकेट जमा करना होगा.

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प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी (File Photo)
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी (File Photo)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के एकदिवसीय दौरे पर रहेंगे. प्रधानमंत्री बिलासपुर में एम्स कैंपस का उद्घाटन करने के अलावा एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इसके बाद वे कुल्लू दशहरा उत्सव में भी हिस्सा लेंगे. ऐसा पहली बार होगा, जब पीएम कुल्लू दशहरा उत्सव का हिस्सा बनेंगे.

पीएम मोदी के दौरे से पहले जिला प्रशासन ने यह कहकर नए विवाद को जन्म दे दिया था कि पत्रकारों को पीएम मोदी का यह दौरा कवर करने के लिए चरित्र प्रमाणपत्र पेश करना होगा. हालांकि, अब इस पर हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू का बयान आ गया है. डीजीपी ने कहा है कि पीएम के दौरे का कवर करने के लिए आने वाले सभी पत्रकारों का स्वागत है. हिमाचल प्रदेश की पुलिस उनके कवरेज को सुगम बनाएगी. 

बता दें कि इससे पहले सिर्फ निजी स्वामित्व वाले प्रिंट, डिजिटल या टीवी पत्रकारों को ही नहीं बल्कि ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन सहित सरकारी मीडिया प्रतिनिधियों को भी चरित्र प्रमाणपत्र पेश करने को कहा गया था. इस संबंध में जिला पुलिस प्रशासन ने 29 सितंबर 2022 को यह अधिसूचना जारी की थी.

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डिस्ट्रिक्ट पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर (डीपीआरओ) ने अधिसूचना जारी कर सभी प्रेस संवाददाताओं, फोटोग्राफर्स, वीडियोग्राफर्स, दूरदर्शन केंद्र और एआईआर की टीम की सूची उनके चरित्र प्रमाणपत्र के साथ भेजने को कहा था. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की आखिरी रैली 24 सितंबर को मंडी में होनी थी, जिसे खराब मौसम की वजह से रद्द करना पड़ा था.

यह कदम मीडिया की आजादी के खिलाफ

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता पंकज पंडित ने इस अधिसूचना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उनके 22 साल के पत्रकारिता करियर में उन्होंने पहली बार इस तरह की अजीब मांग देखी है. पंकज पंडित ने कहा था कि मोदीजी पहली बार हिमाचल नहीं जा रहे हैं. चरित्र प्रमाणपत्र पेश करने की मांग अपमानजनक है और मीडिया की गतिविधियों पर रोक लगाने का प्रयास है.

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