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कर्नाटक: महिला मिलिट्री पुलिस का पहला बैच भारतीय सेना में शामिल, दी गई 61 हफ्तों की कड़ी ट्रेनिंग

महिला मिलिट्री पुलिस का पहला बैच भारतीय सेना में अब शामिल हो गया है. बेंगलुरु के द्रोणाचार्य परेड ग्राउंड में शनिवार को तसदीक परेड का आयोजन किया गया और इस तरह से भारतीय सेना को महिला मिलिट्री पुलिस का पहला बैच मिल गया.

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महिला मिलिट्री पुलिस का पहला बैच सेना में शामिल
महिला मिलिट्री पुलिस का पहला बैच सेना में शामिल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 83 अफसरों की 61 हफ्तों की मुश्किल ट्रेनिंग पूरी
  • बेसिक मिलेट्री, प्रोवेस्ट ट्रेनिंग, पुलिसिंग ड्यूटी शामिल
  • तसदीक परेड के दौरान दिखा कोरोना का असर

महिला मिलिट्री पुलिस का पहला बैच अब भारतीय सेना में शामिल हो गया है. शनिवार को बेंगलुरु के द्रोणाचार्य परेड ग्राउंड में तसदीक परेड का आयोजन किया गया और भारतीय सेना को महिला मिलिट्री पुलिस का पहला बैच मिल गया. कोरोना काल की वजह से इस परेड को छोटे स्तर पर आयोजित किया गया था और तमाम तरह के प्रोटोकॉल का भी पालन हुआ.

तसदीक परेड की कुछ तस्वीरें सामने आईं जिन्हें देख हर कोई गर्व महसूस कर सकता है. CMP सेंटर और स्कूल के कमांडेंट भी इस परेड के दौरान काफी खुश नजर आए. उन्होंने इस पहले बैच को तो बधाई दी ही, वहीं इस बात का भी भरोसा जताया कि उनकी सेवा से भारतीय सेना की शक्ति और ज्यादा बढ़ेगी. उनकी तरफ से उस मुश्किल ट्रेनिंग का भी जिक्र किया गया जिसको पार करने के बाद ये पहला बैच सेना में शामिल किया गया.

61 हफ्तों  की मुश्किल ट्रेनिंग

बताया गया है कि इस बैच को पूरे 61 हफ्तों की एक कड़ी ट्रेनिंग दी गई है. इसमें बेसिक मिलेट्री ट्रेनिंग, प्रोवेस्ट ट्रेनिंग और पुलिसिंग ड्यूटी शामिल हैं. ट्रेनिंग के दौरान सिग्नल कम्युनिकेशन का कोर्स भी विस्तार से पढ़ाया गया है. इसी वजह से कमांडेंट भी भरोसा जता रहे हैं कि महिला मिलिट्री पुलिस का ये पहला बैच काफी सफल सफर तय करने जा रहा है और उनका भारतीय सेना में जाना एक निर्णायक पल है. जानकारी मिली है कि पहले बैच में कुछ 83 महिलाएं हैं जिन्हें सीधे अब भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा.

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तसदीक परेड छोटे स्तर पर क्यों हुई?

वैसे जिस तसदीक परेड को इतने छोटे स्तर पर आयोजित किया गया है, पहले कहा गया था कि इसे बड़े लेवल पर आयोजित होना था. तैयारियां भी पूरी की गई थीं, लेकिन बाद में कर्नाटक में कोरोना की स्थिति विस्फोटक बन गई, वहीं बेंगलुरु एक नया एपिसेंटर बन गया, इसी वजह से ये फैसला हुआ कि इस तसदीक परेड को छोटे स्तर पर आयोजित किया जाएगा. अब इस परेड को जरूर छोटा रखा गया है, लेकिन उन तमाम महिलाओं का हौसला काफी बड़ा है जो अब भारतीय सेना को अपनी सेवा देने जा रही हैं. कड़ी ट्रेनिंग और कई चुनौतियां पार करने के बाद उन्हें ये मौका मिलने जा रहा है, ऐसे में ये पल ना सिर्फ बड़ा है बल्कि उन तमाम 83 महिलाओं के लिए ऐतिहासिक भी साबित हो रहा है.

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