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दुबई में हैंडलर कौन, PAK की ISI से क्या लिंक? तहव्वुर राणा से चौथे दिन की पूछताछ में हुए ये सवाल

पाकिस्तान की आईएसआई और आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के साथ तहव्वुर राणा के संबंधों की जांच की जा रही है. इसके साथ ही दुबई में बैठे एक हैंडलर से संभावित संबंधों की भी जांच की जा रही है.

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तहव्वुर राणा
तहव्वुर राणा

26/11 की जांच में तहव्वुर राणा से एनआईए मुख्यालय में चौथे दिन भी पूछताछ चल रही है. अधिकारी 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों में उसकी कथित भूमिका के बारे में पूछताछ कर रहे हैं. जांचकर्ता पाकिस्तान की आईएसआई और आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के साथ तहव्वुर के संबंधों की जांच कर रहे हैं. इसके साथ ही, दुबई में बैठे एक हैंडलर से संभावित संबंधों की भी जांच की जा रही है.

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सूत्रों के मुताबिक, डेविड हेडली के साथ बातचीत की पुष्टि के लिए तहव्वुर राणा की आवाज के सैंपल कलेक्ट किए जा सकते हैं. 

मिस्टर 'B' ने ही हेडली का मुंबई में किया था स्वागत
 
एनआईए सूत्रों के मुताबिक सितंबर 2006 में जब हेडली भारत आया तो उसे रिसीव करने वाला शख्स 'B' ही था, जिसे तहव्वुर हुसैन राणा ने फोन करके हेडली के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने को कहा था. अब NIA की टीम इन 18 दिनों की पूछताछ के दौरान इस महत्वपूर्ण गवाह 'B' से राणा का आमना-सामना करवा सकती है. शुरुआती पूछताछ में जांच एजेंसी को पता चला है कि तहव्वुर राणा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिचबुतनी गांव का रहने वाला है.

उसके पिता एक स्कूल में प्रिंसिपल थे. तहव्वुर राणा का एक और भाई है. राणा खुद पाकिस्तानी सेना के मेडिकोल कोर में मनोचिकित्सक था और उसका दूसरा भाई पेशे से पत्रकार है. तहव्वुर राणा ने कैडेट कॉलेज हसन अब्दाल से पढ़ाई की थी. यहीं पर उसकी मुलाकात डेविड कोलमैन हेडली से हुई थी. दोनों ने पांच साल इसी कॉलेज में साथ पढ़ाई की थी. राणा पाकिस्तानी सेना से रिटायरमेंट के बाद 1997 में अपनी डॉक्टर पत्नी के साथ कनाडा शिफ्ट हो गया और वहां इमिग्रेशन सर्विस और हलाल मीट का बिजनेस शुरू किया.

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यह भी पढ़ें: मुंबई हमले का PAK कनेक्शन, ISI की भूमिका और हेडली की साजिश... तहव्वुर राणा से NIA ने पूछे ये 18 अहम सवाल!

पाकिस्तानी सेना की वर्दी का राणा को बहुत शौक

तहव्वुर हुसैन राणा को पाकिस्तानी सेना की वर्दी का इतना शौक था कि सेना छोड़ने के बाद भी वह अक्सर फौजियों वाले कपड़े पहनकर कुछ लोगों से मिलने जाता था. पूछताछ में सामने आया है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहाद-इस्लामी के कैंपों का दौरा भी किया था, वह भी पाकिस्तान आर्मी और ISI के लोगों के साथ वर्दी पहनकर. राणा की भारत विरोधी मानसिकता और आतंकी संगठनों से नजदीकी उसे एक खतरनाक साजिशकर्ता के रूप में सामने लाती है.

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