scorecardresearch
 

पुतिन के इस दौरे से भारत को क्या-क्या मिलने वाला है? डिफेंस साझेदारी समेत ये 8 डील होंगी सील

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कुछ ही घंटों में भारत पहुंच रहे हैं. पुतिन की यात्रा के दौरान डिफेंस लॉजिस्टिक्स समझौता RELOS और SU-57 स्टेल्थ फाइटर जेट पर सहयोग मुख्य फोकस रहेगा, जिससे भारत को 'शक्तिमान' बनाया जाएगा.

Advertisement
X
भारत और रूस के बीच कई अहम डील्स होने की उम्मीद है. (File Photo: X/@narendramodi)
भारत और रूस के बीच कई अहम डील्स होने की उम्मीद है. (File Photo: X/@narendramodi)

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्पेशल विमान अब से चंद घंटे बाद भारत की सरज़मीं पर लैंड करेगा. पुतिन भारत-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने के मौके पर भारत आ रहे हैं. वह 23वें द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. भारत की ज़मीन पर कदम रखते ही, पुतिन स्पेशल सिक्योरिटी कवर के बीच आ जाएंगे. उनका यह दौरा 4 और 5 दिसंबर को होगा.

पुतिन विजिट के दौरान दोनों देशों के बीच कई एग्रीमेंट डील होने की उम्मीद है. पीएम नरेंद्र मोदी के इनविटेशन पर पुतिन भारत आ रहे हैं और रूसी लीडर के यूक्रेन के खिलाफ़ जंग शुरू करने के बाद यह उनका पहला विज़िट है. बातचीत के बाद बड़े ऐलान और एग्रीमेंट पर साइन होने की उम्मीद है, जिसके बाद एक जॉइंट मीडिया स्टेटमेंट जारी किया जाएगा.

भारत और रूस के बीच कई अहम डील्स होने की उम्मीद है. 

  1. 2030 इकोनॉमिक कोऑपरेशन प्रोग्राम
  2. सेक्टोरल एग्रीमेंट्स (ट्रेड, एनर्जी, एग्रीकल्चर, हेल्थ, मीडिया आदि)
  3. SU-57 स्टेल्थ फाइटर जेट डील
  4. एनर्जी कॉर्पोरेशन डील- मॉड्यूलर रिएक्टर
  5. ऑयल सेक्टर 
  6. सिक्योरिटी कॉर्पोरेशन डील
  7. RELOS लॉजिस्टिक सपोर्ट डिफेंस समझौता
  8. ब्रह्मोस मिसाइल अपग्रेड 

इकोनॉमिक फोकस: ट्रेड डेफिसिट, 2030 रोडमैप...

रूसी डिप्लोमेट उशाकोव ने कहा कि PM मोदी और पुतिन बढ़ते ट्रेड और इकोनॉमिक पार्टनरशिप पर डिटेल में बात करेंगे, जिसमें 2024 में बाइलेटरल ट्रेड 12 परसेंट बढ़कर USD 63.6 बिलियन हो जाएगा. रूस बढ़ते ट्रेड इम्बैलेंस पर भारत की चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार है और उसने बाइलेटरल ट्रांज़ैक्शन को बाहरी दबाव से बचाने के लिए मैकेनिज्म का प्रस्ताव दिया है.

Advertisement

एक बड़ा डिलिवरेबल 2030 तक रूसी-भारतीय इकोनॉमिक कोऑपरेशन के स्ट्रेटेजिक एरिया के डेवलपमेंट का प्रोग्राम होने की उम्मीद है. इसके साथ ही ट्रेड, एनर्जी, एग्रीकल्चर, हेल्थ और मीडिया को कवर करने वाले सेक्टोरल एग्रीमेंट भी होंगे.  इसमें एसयू 57, माड्यूलर रिएक्टर, एनर्जी कॉर्पोरेशन, ऑयल और सिक्योरिटी डील कॉर्पोरेशन से जुड़े जैसे समझौते होने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें: भारत के खिलाफ 10 दिन में 3 प्रस्ताव, रूस ने तीनों पर ही VETO लगा दिया, जब UNSC में भारत की लड़ाई लड़ा USSR

मॉस्को में इंटरगवर्नमेंटल कमीशन की अगस्त मीटिंग में इंडस्ट्रियल कोऑपरेशन, इनोवेटिव टेक्नोलॉजी, माइनिंग, ट्रांसपोर्ट लिंक, स्पेस, हेल्थकेयर और लेबर मोबिलिटी जैसे बड़े चल रहे प्रोजेक्ट्स का रिव्यू किया गया.

बिज़नेस फ़ोरम और इंडस्ट्री में सहयोग

शुक्रवार दोपहर को मोदी और पुतिन भारत मंडपम में इंडिया-रूस बिज़नेस फ़ोरम को एक साथ संबोधित करेंगे, जहां इन्वेस्टमेंट के मौकों, मैन्युफैक्चरिंग पार्टनरशिप और टेक्नोलॉजी में सहयोग पर बात की जाएगी.

डिफेंस बातचीत और ब्रह्मोस अपग्रेड

बातचीत के दौरान डिफेंस कोऑपरेशन पर खास तौर पर बात होगी. भारत और रूस ब्रह्मोस के एडवांस्ड वेरिएंट के डेवलपमेंट का रिव्यू कर सकते हैं, जिसमें ब्रह्मोस-NG जैसे हल्के एयर-लॉन्च मॉडल और एक्सटेंडेड-रेंज वर्जन शामिल हैं.

हाइपरसोनिक प्रोजेक्ट्स, लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइलों और भारत की और S-400 मिसाइलों की प्लान्ड खरीद पर भी बातचीत होने की उम्मीद है. ब्रह्मोस, एक फ्लैगशिप जॉइंट वेंचर है, जिसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ऑपरेशनल डिप्लॉयमेंट मिला था और भारत ने फिलीपींस से शुरू करके इस सिस्टम को एक्सपोर्ट करना शुरू कर दिया है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: अपने 'सिलोविकी' सर्किल के साथ भारत आ रहे पुतिन, जानें कौन हैं रूसी राष्ट्रपति के सबसे भरोसेमंद चेहरे?

दोनों देश के नेता UN, SCO, G20 और ब्रिक्स में कोऑपरेशन सहित बड़े इंटरनेशनल मुद्दों पर भी अपने विचार शेयर करेंगे. रूस ने कहा कि वह 2026 में ब्रिक्स चेयरमैनशिप संभालने की तैयारी में भारत के साथ कोऑर्डिनेट करने के लिए उत्सुक है.

अहम रक्षा समझौते और 'शक्तिमान' भारत की तैयारी

पुतिन की यात्रा में सबसे ज्यादा फोकस डिफेंस समझौते पर रहेगा. RELOS (रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक्स सपोर्ट) समझौते को दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी में अब तक के सबसे अहम रक्षा समझौतों में से एक माना जा रहा है. इसके तहत दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सैन्य बेस, बंदरगाह और सप्लाई पॉइंट का इस्तेमाल कर सकेंगी. रूस भारत को अपना सबसे एडवांस लड़ाकू विमान SU-57 स्टेल्थ फाइटर जेट देने के लिए तैयार है. इसके अलावा भविष्य में S-500 पर सहयोग, ब्रह्मोस मिसाइल का अगला वर्जन और वॉरशिप बनाने जैसी योजनाओं पर भी बातचीत होने की उम्मीद है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement