ईवीएम को लेकर कांग्रेस के हालिया आरोपों के जवाब में चुनाव आयोग (ECI) ने अपने FAQ सेक्शन में एक तकनीकी स्पष्टीकरण जारी किया है. ईसीआई ने ईवीएम बैटरी की स्थिति के बारे में बात करते हुये मशीनों के पावर डिजाइन और उनकी बैटरियों की खासियत बताई हैं.
दरअसल, कांग्रेस यह सवाल उठा रही थी कि मतदान में पूरे दिन इस्तेमाल के बाद भी कुछ सीयू में ईवीएम पावर पैक की स्थिति 99% क्यों दिखाई देती है? ईसीआई ने इस सवाल का भी जवाब दिया है. चुनाव आयोग ने अपने जवाब में बताया कि ईवीएम 5.5V और 8.2V के वोल्टेज के बीच बेहतर तरीके से काम करती है. 5.8V से कम वोल्टेज पर बैटरी बदलने के लिए अधिकारियों को सचेत करने के लिए प्रोग्राम होते हैं. भले ही बिजली का लेवल इन सीमाओं से बाहर हो जाए, लेकिन ईवीएम डेटा की इंटीग्रिटी पर प्रभाव नहीं पड़ता है.
ईसीआई ने इस बात पर जोर डाला कि इन पावर पैक की स्थापना बारीक निगरानी के साथ सीलबंद प्रक्रिया के साथ होती है. यह चुनावों के दौरान पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करती है. बैटरी की स्थिति का प्रतिशत प्रदर्शन शामिल करने के लिए हाल ही में अपडेट किए गए हैं, जो अधिकारियों को समय पर प्रतिस्थापन की योजना बनाने में सहायता करता है, जिससे मतदान के दौरान किसी भी व्यवधान को कम किया जा सके.
EVM बंद होने पर पावर पैक वोल्टेज पर प्रभाव?
दिलचस्प बात यह है कि ईसीआई ने यह भी बताया कि ईवीएम बंद होने पर पावर पैक वोल्टेज में थोड़ी रिकवरी हो सकती है. इसका श्रेय अल्कलाइन बैटरी की अंदरूनी गतिशीलता को जाता है, जहां अंदरूनी प्रतिरोध में कमी और इलेक्ट्रोड के पास जमा रसायनों के फैलाव से मतदान और मतगणना के दिनों के बीच वोल्टेज में आंशिक रिकवरी हो सकती है.
ईवीएम का संचालन ऑपरेटिंग वोल्टेज से स्वतंत्र है?
ईवीएम को 5.5V से 8.2V तक के पावर पैक वोल्टेज के साथ संचालित करने के लिए इंजीनियर किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वे इस सीमा के भीतर स्पेशल वोल्टेज लेवल से स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं. जरूरी बात यह है कि मशीनें एक अलर्ट मैकेनिज्म से लैस हैं, जो वोल्टेज के 5.8V से नीचे जाने पर संकेत देता है, जिससे समय पर बैटरी बदल ली जाये.
ईवीएम में पावर पैक लगाया जाता है और चुनाव चक्र के दौरान इसे कब हटाया जाता है?
चुनावों की तैयारी में ईसीआई यह सुनिश्चित करता है कि मतदान से लगभग 8-10 दिन पहले ईवीएम में नए पावर पैक लगाए जाएं और उन्हें ठीक से सील कर दिया जाए. यह महत्वपूर्ण कदम उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की सतर्क निगरानी में होता है, जिससे पारदर्शी प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है. इसके बाद के चरण - मशीनों का भंडारण, मतदान अभ्यास और चुनाव के बाद की दिनचर्या - सभी को सुरक्षा और पारदर्शिता पर उच्च जोर देते हुए निष्पादित किया जाता है. उम्मीदवारों के प्रतिनिधि हर चरण में अभिन्न रूप से शामिल होते हैं, जिससे चुनावी प्रक्रिया में विश्वास मजबूत होता है.
ईवीएम पावर पैक मोबाइल फोन की बैटरी से किस तरह अलग है?
मोबाइल फोन में आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली रिचार्जेबल लिथियम-आयन बैटरी से अलग, ईवीएम को सिंगल-यूज एल्कलाइन सेल द्वारा संचालित किया जाता है. यह विकल्प जानबूझकर चुना गया है, क्योंकि ईवीएम को केवल चुनाव गतिविधियों के दौरान ऊर्जा की आवश्यकता होती है और लंबे समय तक भंडारण अवधि के दौरान बिजली की स्वतंत्रता बनाए रखनी चाहिए.
ईवीएम के पावर पैक में क्षारीय सेल का उपयोग क्यों किया जाता है?
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहां एल्कलाइन बैटरियों का उपयोग किया जाता है. ईवीएम को ऐसे पावर सॉल्यूशन की आवश्यकता होती है, जो बिना किसी गिरावट के लंबे समय तक निष्क्रियता को बनाए रख सके. क्षारीय बैटरियां यहां आदर्श हैं, जो पांच साल की शेल्फ लाइफ प्रदान करती हैं और समय-समय पर चार्ज करने की जरूरत को खत्म करती हैं, जबकि रिचार्जेबल बैटरियों के लिए अधिक जटिल रखरखाव व्यवस्था की जरूरत होती है.