scorecardresearch
 

गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के किन शब्दों से पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र को दी नसीहत?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आचार्य चाणक्य ने सदियों पहले कहा था, जब सही समय पर सही कार्य नहीं किया जाता, तो समय ही उस कार्य की सफलता को समाप्त कर देता है. संयुक्त राष्ट्र को खुद को प्रासंगिक बनाए रखना होगा.

Advertisement
X
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीएम मोदी ने चाणक्य और रवींद्रनाथ टैगोर को किया याद
  • 'संयुक्त राष्ट्र संघ को खुद की विश्वसनीयता को बढ़ाना होगा'
  • UN पर आज कई तरह के सवाल खड़े हो रहेः पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर को याद किया और उनके जरिए संयुक्त राष्ट्र महासभा को नसीहत भी दी. उन्होंने बताया कि टैगोर ने कहा था अपने शुभ कर्म-पथ पर निर्भीक होकर आगे बढ़ो.

पीएम मोदी ने महासभा में अपने संबोधन के अंत में कहा, 'मैं नोबल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जी के शब्दों के साथ अपनी बात समाप्त कर रहा हूं. 
शुभो कोर्मो-पोथे  
धोरो निर्भोयो गान, 
शोब दुर्बोल सोन्शोय 
होक ओबोसान.
अर्थात...
अपने शुभ कर्म-पथ पर निर्भीक होकर आगे बढ़ो. सभी दुर्बलताएं और शंकाएं समाप्त हों. ये संदेश आज के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र के लिए जितना प्रासंगिक है उतना ही हर जिम्मेदार देश के लिए. मुझे विश्वास है, हम सबका प्रयास, विश्व में शांति और सौहार्द बढ़ाएगा, विश्व को स्वस्थ, सुरक्षित और समृद्ध बनाएगा.'

पीएम ने किया चाणक्य का भी जिक्र 

इससे पहले महासभा की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के महान कूटनीतिज्ञ, आचार्य चाणक्य ने सदियों पहले कहा था, कालाति क्रमात काल एव फलम् पिबति (अर्थात जब सही समय पर सही कार्य नहीं किया जाता, तो समय ही उस कार्य की सफलता को समाप्त कर देता है). संयुक्त राष्ट्र को खुद को प्रासंगिक बनाए रखना है तो उसे अपनी प्रभावकारिता को सुधारना होगा और विश्वसनीयता को बढ़ाना होगा.

Advertisement

इसे भी क्लिक करें --- 'जो आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहे, उन्हें भी खतरा', संयुक्त राष्ट्र महासभा में बिना नाम लिए PAK पर बरसे पीएम मोदी

उन्होंने कहा, 'UN पर आज कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. इन सवालों को हमने क्लाइमेट क्राइसिस में देखा है, कोविड के दौरान देखा है. दुनिया के कई हिस्सों में चल रही प्रॉक्सी वॉर-आतंकवाद और अभी अफगानिस्तान संकट ने इन सवालों को और गहरा कर दिया है. कोविड की उत्पत्ति के संदर्भ में और एज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग को लेकर, वैश्विक गवर्नेंस से जुड़ी संस्थाओं ने, दशकों के परिश्रम से बनी अपनी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है. ये आवश्यक है कि हम UN को ग्लोबल ऑर्डर, ग्लोबल लॉ, और ग्लोबल वैल्यूज के संरक्षण के लिए निरंतर सुदृढ़ करें.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रिग्रेसिव थिंकिंग के साथ, जो देश आतंकवाद का पॉलिटिकल टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद, उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है. ये सुनिश्चित किया जाना बहुत जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए ना हो.

दुनिया को आगाह करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा कि वहां की नाजुक स्थितियों का कोई देश, अपने स्वार्थ के लिए, एक टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश नहीं करे. इस समय अफगानिस्तान की जनता को, वहां की महिलाओं और बच्चों को, वहां की माइनॉरिटीज को, मदद की जरूरत है, और इसमें हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement