प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हैदराबाद में सफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया (SAESI) के नए अत्याधुनिक केंद्र का उद्घाटन किया. ये सुविधा LEAP इंजनों की मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (MRO) के लिए पूरी तरह समर्पित है, जो एयरबस A320neo और बोइंग 737 MAX विमानों में लगते हैं.
सफ्रान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया (SAESI) केंद्र के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज से भारत का एविएशन सेक्टर एक नई उड़ान भरने जा रहा है. सफ्रान की ये नई सुविधा भारत को ग्लोबल MRO हब के रूप में स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभाएगी. इससे हमारी युवा पीढ़ी के लिए नए अवसर खुलेंगे. मुझे पूरा विश्वास है कि भारत में सफ्रान का निवेश इसी गति से आगे बढ़ता रहेगा.'
'तीसरा सबसे बड़ा घरेलू बाजार'
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत का एविएशन सेक्टर अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ा है. आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू एविएशन मार्केट है और सबसे तेजी से बढ़ते मार्केट्स में शामिल है, लेकिन पहले लगभग 85% MRO काम विदेश में होता था, जिससे खर्च बढ़ता था, देरी होती थी और विमान लंबे वक्त तक ग्राउंडेड रहते थे.
मजबूत हब के लिए होगा काम
पीएम ने आगे बोलते हुए कहा, 'अब सरकार MRO को मजबूत हब बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है. जीएसटी सुधार, MRO गाइडलाइंस और नेशनल सिविल एविएशन पॉलिसी जैसे कदम इसी दिशा में उठाए गए हैं.'
आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
इस केंद्र की स्थापना विमानन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने, विदेशी मुद्रा की बचत करने, उच्च-मूल्य वाले रोजगार सृजन, आपूर्ति-श्रृंखला के लचीलेपन को मजबूत करने और भारत को एक वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस सुविधा में विश्वस्तरीय इंजन रखरखाव और मरम्मत सेवाएं प्रदान करने के लिए उन्नत प्रक्रिया उपकरण उपलब्ध होंगे.
ये पहली बार है जब किसी वैश्विक इंजन ओईएम ने भारत में एमआरओ परिचालन स्थापित किया है जो देश के विमानन पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. भारत सरकार जीएसटी सुधारों, एमआरओ दिशानिर्देशों और राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति जैसी प्रमुख नीतिगत पहलों के साथ, इस क्षेत्र के तीव्र विकास को समर्थन देने के लिए एक मजबूत एमआरओ पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है.
तकनीशियनों और इंजीनियरों को मिलेगा रोजगार
वहीं, SAESI केंद्र हैदराबाद में GMR एयरोस्पेस एंड इंडस्ट्रियल पार्क-SEZ के अंदर 45,000 वर्ग मीटर में फैली हुई है. इस सुविधा को ₹1,300 करोड़ के शुरुआती निवेश से विकसित किया गया है. इसे हर साल 300 तक LEAP इंजनों को सर्विस देने के लिए डिजाइन किया गया है. ये LEAP इंजन एयरबस A320neo और बोइंग 737 MAX विमानों को शक्ति प्रदान करते हैं. पूरी परिचालन क्षमता प्राप्त करने पर, 2035 तक, यह सुविधा 1,000 से अधिक अत्यधिक कुशल भारतीय तकनीशियनों और इंजीनियरों को रोजगार देगी.
ये सुविधा उन्नत प्रक्रिया उपकरणों से लैस होगी ताकि विश्व स्तरीय इंजन रखरखाव और मरम्मत सेवाएं प्रदान की जा सकें. भारत सरकार GST सुधारों, MRO दिशा-निर्देशों और राष्ट्रीय नागरिक विमानन नीति जैसी प्रमुख नीतिगत पहलों के साथ क्षेत्र के तेज विकास को समर्थन देने के लिए एक मजबूत MRO इकोसिस्टम बनाने पर सक्रिय रूप से काम कर रही है. इस सुविधा की स्थापना से भारत एक वैश्विक विमानन हब के रूप में स्थापित होगा.