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SIR पर थमी तो प्रदूषण पर बढ़ी रार... बिना गतिरोध के संपन्न हुआ संसद शीतकालीन सत्र का चौथा दिन

गुरुवार को शीतकालीन सत्र का चौथा दिन रहा. शुरुआती दो दिन हंगामेदार रहे तो इस बीच बुधवार का तीसरा दिन शांतिपूर्ण रहा और चौथे दिन भी कोई गतिरोध नहीं रहा. संसद के भीतर सदन की कार्यवाही शांति से चलती रही लेकिन बाहर हंगामा भी होता रहा. चौथे दिन की शुरुआत प्रदूषण के मुद्दे से हुई

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संसद के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन का समापन, शांतिपूर्ण तरीके से चली कार्यवाही
संसद के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन का समापन, शांतिपूर्ण तरीके से चली कार्यवाही

संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष लगातार कई मुद्दे उठा रहा है. अभी तक SIR और BLO की मृत्यु का मुद्दा चर्चा में रहा है. इसके साथ ही संचार साथी ऐप ने भी संसद सत्र को हंगामेदार बनाया. हालांकि इस ऐप वाले मसले सरकार का U टर्न आ चुका है, फिर भी इस पर चर्चा जारी है. बुधवार का दिन कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी के कारण उठे प्रिविलेज मोशन के भी नाम रहा. उनके बयान से सुर्खियां बटोरीं और वार-पलटवार का दौर जारी रहा.  

गुरुवार को शीतकालीन सत्र का चौथा दिन रहा. शुरुआती दो दिन हंगामेदार रहे तो इस बीच बुधवार का तीसरा दिन शांतिपूर्ण रहा और चौथे दिन भी कोई गतिरोध नहीं रहा. संसद के भीतर सदन की कार्यवाही शांति से चलती रही लेकिन बाहर हंगामा भी होता रहा. चौथे दिन की शुरुआत प्रदूषण के मुद्दे से हुई और फिर शाम को स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा सेस बिल 2025 पर चर्चा के साथ समाप्त हुई. इस बिल पर आगे भी चर्चा जारी रहेगी.

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान चौथे दिन की कार्यवाही पर एक नजर-

राज्यसभा में केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक 2025 पर चर्चा

लोकसभा में बुधवार को पास होने के बाद राज्यसभा में केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक 2025 पर चर्चा हुई. इस बिल में तंबाकू उत्पादों जैसे सिगरेट, सिगार, जर्दा और खैनी पर नए उत्पाद शुल्क का प्रावधान किया गया है ताकि GST मुआवजा उपकर समाप्त होने के बाद भी कर भार समान बना रहे. GST मुआवजा उपकर 2017 में इसलिए लागू हुआ था कि राज्यों को GST से होने वाली संभावित राजस्व हानि की भरपाई मिल सके. यह मुआवजा अवधि 2025 में खत्म हो रही है. सरकार का कहना है कि नए शुल्क से राज्यों और केंद्र दोनों के राजस्व ढांचे में स्थिरता बनी रहेगी.

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चौथे दिन भी प्रदूषण का मुद्दा उठा

कांग्रेस सांसद विजयकुमार उर्फ विजय वसंत ने लोकसभा में दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के बड़े हिस्सों में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया. सांसद ने सरकार से मांग की कि दिल्ली के वायु संकट को राष्ट्रीय जन स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया जाए, सभी निगरानी स्टेशन बहाल किए जाएं, प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और विज्ञान-आधारित राष्ट्रीय स्वच्छ वायु योजना शुरू की जाए. उन्होंने चेतावनी दी कि हर देरी लोगों की जान को खतरे में डाल रही है और संसद को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए.

सांसद माणिक्कम टैगोर ने प्रदूषण पर केंद्र को घेरा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद बी. माणिक्कम टैगोर ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की हवा जहरीली हो चुकी है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इस संकट को स्वीकार करने को भी तैयार नहीं हैं. सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा, “दिल्ली की हवा जहरीली हो चुकी है, लेकिन मोदी इस संकट को मानने से भी इनकार कर रहे हैं. 11 साल, जीरो कार्रवाई — सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप का खेल. बस बहुत हुआ. अब हमें संसद के बाहर आवाज उठानी होगी ताकि यह सरकार समस्या को स्वीकार करे और कार्रवाई करे. दिल्ली को बहाने नहीं, स्वच्छ हवा चाहिए.

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प्रदूषण के खिलाफ विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन

दिल्ली में जहरीली हवा के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर स्थित मकर द्वार पर सुबह 10:30 बजे प्रदर्शन किया. कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सांसदों ने ऐलान किया है कि जब तक केंद्र सरकार दिल्ली के वायु प्रदूषण को राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित नहीं करती और ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक वे सड़क से संसद तक आवाज उठाते रहेंगे. सांसदों ने एक बड़ा बैनर 'मौसम का मजा लीजिए' लेकर जोरदार प्रदर्शन किया.

नितिन गडकरी ने गौरव गोगोई के सवाल का दिया जवाब

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने गुरुवार को लोकसभा में असम के जोरहाट से डिब्रूगढ़ के बीच NH-37 की खराब गुणवत्ता का मुद्दा उठाया. इस पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क सुधार के लिए कार्रवाई का भरोसा दिया. प्रश्नकाल के दौरान गोगोई ने नितिन गडकरी के एक वायरल वीडियो का ज़िक्र किया, जिसमें मंत्री की कार एक हाईवे पर तेज रफ्तार से दौड़ती दिख रही है. उन्होंने कहा कि असम में ऐसी सड़कें नहीं हैं जिन पर उतनी रफ्तार से गाड़ी चलाई जा सके.

गोगोई ने कहा, “एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें आपकी कार हाईवे पर तेज रफ्तार से चल रही थी. असम में लोग यह देखकर जल गए, क्योंकि यहां टोल टैक्स तो देते हैं, लेकिन सड़कें इतनी खराब हैं कि 100–130 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाना संभव नहीं है. लोग टोल दे रहे हैं, लेकिन आपके वीडियो जैसी गुणवत्ता वाली सड़कें नहीं मिल रही हैं. खासकर जोरहाट से डिब्रूगढ़ तक NH-37 की हालत खराब है. झांजी वाला हिस्सा आपके हस्तक्षेप के बाद कुछ बेहतर हुआ है, लेकिन उसके आगे सड़क बदहाल है.”

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जवाब में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने माना कि भारी बारिश के कारण हाईवे को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने सदन में कहा, “सांसद ने जो कहा वह सही है। बारिश के कारण सड़क खराब हुई थी. जांच भी कराई गई थी और कमियों को दूर किया गया। मुझे विश्वास है कि सड़क अब ठीक हो जाएगी.”

सरकार जरूर मुद्दों को टाल रही है- राज्यसभा में बोले खड़गे

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान चौथे दिन राज्यसभा में बड़ी बहस देखने को मिली. मुद्दा बना नियम 267, जिसके तहत चर्चा की मांग को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई. नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में महत्वपूर्ण मुद्दों पर तुरंत चर्चा न होने को लेकर गहरी आपत्ति जताई और कहा कि सरकार लगातार संवेदनशील विषयों को टाल रही है.

नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के इस आरोप पर सरकार की ओर से सदन के नेता जे. पी. नड्डा ने खारिज किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने कभी भी किसी बहस से बचने की कोशिश नहीं की है. राज्यसभा के सभापति ने नियम 267 के अंतर्गत दिए गए नोटिस को अस्वीकार किया और इस संबंध में अपने तर्क भी प्रस्तुत किए. दरअसल नियम 267 के अंतर्गत सम्बंधित मुद्दे पर तुरंत चर्चा कराए जाने का प्रावधान है. इस नियम के अंतर्गत सदन के अन्य सभी कार्यों को स्थगित करके संबंधित मुद्दे पर चर्चा कराई जाती है. चर्चा के अंत में वोटिंग का भी प्रावधान है. हालांकि संसदीय नियमों व परंपराओं के अनुसार नियम 267 के नोटिस अस्वीकार कर दिए गए.

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'विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास...' कर्नाटक कांग्रेस ने केंद्र पर लगाया आरोप

कर्नाटक कांग्रेस एक्स पर पोस्ट में कहा कि केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को विदेशी प्रतिनिधियों से नहीं मिलने दे रही है. उन्होंने कहा- केंद्र सरकार लोकतंत्र की आड़ में अधिनायकवाद का प्रयोग कर रही है. यह साफ दिखाई देता है कि विदेशी प्रतिनिधियों से विपक्षी नेताओं की मुलाकातों में बाधा डालकर भाजपा सरकार किस तरह विपक्ष की आवाज़ दबाने का काम कर रही है.

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर बोला हमला

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 'आमतौर पर परंपरा है कि जो भी बाहर से आता है, वह लीडर ऑफ अपोजिशन से मिलता है. ऐसा वाजपेयी जी, मनमोहन सिंह जी की सरकारों के दौरान होता था. आजकल विदेशी मेहमान या जब मैं विदेश जाता हूं तो केंद्र सरकार उन्हें लीडर ऑफ अपोजिशन से न मिलने की सलाह देती है, यह उनकी पॉलिसी है और वे हमेशा ऐसा करते हैं.

लोकसभा में हेल्‍थ सिक्‍योरिटी से नेशनल सिक्‍योरिटी सेस बिल 2025 पर चर्चा

लोकसभा में हेल्‍थ सिक्‍योरिटी से नेशनल सिक्‍योरिटी सेस बिल 2025 पर चर्चा हुई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस दौरान इसके महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह उपकर देश की राष्ट्रीय सुरक्षा, जनस्वास्थ्य क्षमता और आपातकालीन मेडिकल ढांचे को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाएगा. मंत्री ने बताया कि हाल के वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल में स्वास्थ्य संरचना को भी राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा माना जा रहा है. बिल का उद्देश्य ऐसे कोष का निर्माण करना है, जिससे भविष्य में संकट, महामारी या रक्षा संबंधी आपात स्थितियों से निपटने में देश और अधिक सक्षम हो सके.

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