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पूर्व माओवादी नेता छत्रधर महतो से NIA की पूछताछ, कुछ दिन पहले TMC में हुए शामिल

छत्रधर महतो पीपल्स कमेटी अगेंस्ट पुलिस एट्रोसिटिस (पीसीएपीए) के संयोजक रह चुके हैं. यह संगठन माओवादी गतिविधियों में शामिल रहा है. यह ऐसा संगठन है जो कभी माओवाद प्रभावित जंगलमहल के इलाके में सक्रिय रहा है.

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एनआईए
एनआईए
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजधानी एक्सप्रेस अपहरण मामले में पूछताछ
  • अपहरण कांड में पीसीएपीए पर लगे थे आरोप
  • पूर्व में पीसीएपीए से जुड़े रहे हैं छत्रधर महतो

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने माओवादी से तृणमूल कांग्रेस के नेता बने छत्रधर महतो से पूछताछ की है. जांच एजेंसी ने लगातार दो दिन शुक्रवार और शनिवार को महतो से पूछताछ की. छत्रधर महतो पिछले महीने ही माओवाद का रास्ता छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे. 

छत्रधर महतो पूर्व में पीपल्स कमेटी अगेंस्ट पुलिस एट्रोसिटिस (पीसीएपीए) के संयोजक रह चुके हैं. यह संगठन माओवादी गतिविधियों में शामिल रहा है. यह ऐसा राजनीतिक संगठन है जो कभी माओवाद प्रभावित जंगलमहल के इलाके में सक्रिय रहा है. पश्चिम बंगाल में इस संगठन का प्रभाव पश्चिमी मिदनापुर, पुरुलिया, बांकुड़ा और झारग्राम जिले तक देखा जाता रहा है.

हत्या के केस में हुई पूछताछ

चंद्रधर महतो को सीआरपीएफ की टीम ने सालबोनी में बुलाया था. यहां एनआईए की चार अधिकारियों की टीम ने महतो से चार घंटे से ज्यादा देर तक पूछताछ की. यह पूछताछ शनिवार सुबह की गई. इससे पहले शुक्रवार को भी ऐसी ही पूछताछ की गई थी. महतो से सीपीएम नेता प्रबीर महतो की हत्या के सिलसिले में सवाल पूछे गए. प्रबीर महतो की साल 2009 में हत्या कर दी गई थी.
 
एनआईए की इस पूछताछ को छत्रधर महतो ने राजनीति से प्रेरित बताया है. महतो ने कहा, 'वे (एनआईए) लोग मुझसे राजधानी एक्सप्रेस केस में पूछताछ करना चाहते थे. जब यह घटना हुई उस वक्त मैं जेल में था. इससे साफ है कि पूछताछ का पूरा काम राजनीति से प्रेरित है.'

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पूर्व पीसीएपीए नेता को 2009 में यूएपीए कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था. उस वक्त बंगाल में लेफ्ट फ्रंट की सरकार थी. 2015 में इस मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद महतो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

10 साल जेल में गुजरे

जेल में 10 साल गुजारने के बाद छत्रधर महतो इस साल फरवरी में रिहा हो गए थे. पिछले महीने टीएमसी ने महतो को जिला कमेटी में शामिल कर लिया. रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अभी हाल में एनआईए को भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस अपहरण मामले की जांच करने का आदेश दिया. 2009 में इस ट्रेन को अपहरण करने का आरोप पीसीएपीए पर लगा था. जो माओवादी इस घटना में शामिल थे वे छत्रधर महतो की रिहाई की मांग कर रहे थे. उस वक्त जंगलमहल इलाके में महतो लेफ्ट फ्रंट के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे.

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