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लेस्बियन कपल की याचिका पर बोला HC- समलैंगिक कपल्स को नहीं, समाज को बदलाव की जरूरत

एक लेस्बियन कपल की ओर से अपने रिश्तेदारों से सुरक्षा की मांग की याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि LGBTQIA+ समुदाय के लोगों को परिवार और समाज की नफरत से बचाना राज्य की जिम्मेदारी है.

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मद्रास हाई कोर्ट
मद्रास हाई कोर्ट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मद्रास हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला
  • कपल्स की सुरक्षा राज्य की जिम्मेदारी- HC

एक लेस्बियन कपल की ओर से अपने रिश्तेदारों से सुरक्षा की मांग की याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि LGBTQIA+ समुदाय के लोगों को परिवार और समाज की नफरत से बचाना राज्य की जिम्मेदारी है. मद्रास हाई कोर्ट ने समुदाय के प्रति समाज को संवेदनशील बनाने को लेकर कई निर्देश भी जारी किए. 

मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस वेंकटेश ने कहा कि परिवार द्वारा समलैंगिक कपल्स की गुमशुदगी की शिकायत पर पुलिस उन्हें परेशान नहीं कर सकती. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि LGBTQIA+ कपल्स के हितों की रक्षा के लिए एक विशेष कानून का अभाव है. कोर्ट ने जल्द से जल्द कानून बनाने का निर्देश दिया.

मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि जब तक सरकार कानून तैयार नहीं करती, तब तक LGBTQIA+ समुदाय को ऐसे संवेदनशील माहौल में नहीं छोड़ा जा सकता है, जहां उनकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. कोर्ट ने कहा कि समस्या LGBTQIA+ कपल्स की नहीं, बल्कि समाज की है जो उन्हें कलंकित करता है. 

मद्रास हाई कोर्ट ने कहा, 'असल समस्या ये नहीं है कि कानून किसी रिश्ते को मान्यता नहीं देता है, बल्कि ये कि समाज की स्वीकृति नहीं होती. केवल इसी कारण से, मुझे लगता है कि परिवर्तन सामाजिक स्तर पर होना चाहिए और जब इसे कानून से सपोर्ट मिलेगा, तो समलैंगिक संबंधों को मान्यता देकर समाज के दृष्टिकोण में असल बदलाव होगा.'

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क्या है पूरा मामला
मद्रास हाई कोर्ट ने यह आदेश एक लेस्बियन कपल की याचिका पर सुनाया, जो अपने रिश्ते के प्रति नफरत के कारण अपने घरों से भाग गई थीं. उन्हें पुलिस द्वारा उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनके परिवारों ने ‘गुमशुदगी’ की शिकायत दर्ज की थी. कोर्ट ने साफ कहा कि LGBTQIA+ कपल्स की सुरक्षा राज्य की जिम्मेदारी है.

 

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