टीएमसी ने कुणाल घोष को राज्य संगठन महासचिव पद से हटा दिया है. पार्टी लाइन से अलग विचारधारा व्यक्त करने को लेकर उनपर ये कार्रवाई हुई है. पार्टी ने एक विज्ञप्ति जारी कर इस बारे में जानकारी दी है. टीएमसी की ओर से कहा गया है कि, कुणाल घोष ऐसे विचार व्यक्त कर रहे हैं जो पार्टी के विचारों से मेल नहीं खाते. यह स्पष्ट करना जरूरी है कि ये उनकी निजी राय है, और इसके लिए पार्टी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए.
मुख्यालय से जारी बयानों को ही पार्टी के ऑफिशियल बयान मानना चाहिए. घोष को पहले पार्टी प्रवक्ता की भूमिका से मुक्त कर दिया गया था, अब उन्हें प्रदेश संगठन महासचिव के पद से हटा दिया गया है. हम सभी मीडिया आउटलेट्स से आग्रह करते हैं कि उनके विचारों को पार्टी के विचारों के साथ न मिलाएं, क्योंकि ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
मैंने पहले ही छोड़ दिया था पदः कुणाल घोष
कुणाल घोष ने कहा कि, 'मैंने महीनों पहले ही पार्टी को लिख दिया था कि मैं जीएस और स्पीकर के पद पर बने नहीं रहना चाहता. बावजूद इसके पार्टी ने मुझे जिम्मेदारी दी. यदि कोई क्विज़ मास्टर कहता है कि मुझे हटा दिया गया है, तो मैं उससे पूछता हूं कि मैंने पहले ही पद छोड़ने के लिए कहा था. मुझे कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है लेकिन मुझे इसकी ज़रूरत नहीं है, मैंने पहले ही पार्टी से मुझे मेरे पद से मुक्त करने के लिए कह दिया है. मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं. मैंने किसी के बारे में कुछ नहीं कहा है.'
पहले ही दे चुके थे इस्तीफा
बता दें कि, तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने मार्च में ही पार्टी के प्रवक्ता और प्रदेश महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपने आधिकारिक X हैंडल से किए एक पोस्ट में लिखा था, 'मैं टीएमसी का प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता नहीं रहना चाहता. मैं सिस्टम में मिसफिट हूं. मैं पार्टी कार्यकर्ता बनकर रहना पसंद करूंगा. कृपया दलबदल की अफवाहों पर ध्यान दें'. उन्होंने X पर अपना बायो भी बदल लिया था और पार्टी का नाम हटाकर खुद को सिर्फ पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता बताया था.'