प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कर्नाटक दौरे में भारतीय संस्कृति में उडुपी के योगदान की जमकर सराहना की. श्री कृष्ण मठ और लक्ष कंठ गीता पारायण प्रोग्राम में प्रधानमंत्री मोदी ने भगवदगीता के महत्व को लेकर चर्चा की. इस दौरान पीएम ने पहलगाम हमले और सुदर्शन चक्र (राष्ट्रीय सुरक्षा कवच) का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि दुश्मन दुस्साहस दिखाएगा तो हमारा सुदर्शन चक्र तबाह कर देगा.
पीएम ने कहा, 'उडुपी की धरती पर आना हमेशा अलग से अनुभूति देता है. यहां आना मेरे लिए एक और वजह से विशेष है. उडुपी जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी की कर्मभूमि रही है. इसने नए गवर्नेंस मॉडल की नींव रखी थी. जल आपूर्ति और ड्रेनेज सिस्टम की शुरुआत सत्तर के दशक में ही कर दी थी. आज यह अभियान देश के विकास की प्राथमिकता का मार्गदर्शन कर रहा है.'
'गीता के श्लोक से मन को आध्यात्मिक शक्ति'
उन्होंने बताया, 'जब एक लाख कंठ गीता के श्लोंकों का उच्चारण करते हैं, गीता जैसे पुण्य ग्रंथ का पाठ करते हैं. इतने दैवीय शब्द एक साथ गूंजती है तो ऐसी ऊर्जा निकलती है तो हमारे मन और मस्तिष्क को संबल देती है. यही ऊर्जा मन को आध्यात्मिक शक्ति देती है.'
अयोध्या से उडुपी तक रामजन्मभूमि आंदोलन में संतों की भूमिका रही है. उडुपी के लिए राम मंदिर का निर्माण एक और कारण से विशेष है. नए मंदिर में वेदांत के प्रकाश स्तंभ जगद्गुरु माधवाचार्य को भी जगह दी गई है.
इस दौरान पीएम ने कृष्ण मंदिर के सामने बने सुवर्ण तीर्थ मंडप का भी उद्घाटन किया और पवित्र कनकना किंदी के लिए कनक कवच समर्पित किया. यह 100,000 लोगों का एक भक्ति कार्यक्रम था, जिसमें स्टूडेंट्स, साधु, विद्वान और अलग-अलग तरह के लोग शामिल हुए.
यह है महत्व
माना जाता है कि इसी पवित्र खिड़की से संत कनकदास को भगवान कृष्ण के दिव्य दर्शन हुए थे. उडुपी में श्री कृष्ण मठ की स्थापना 800 साल पहले वेदांत के द्वैत दर्शन के संस्थापक श्री माधवाचार्य ने की थी.
गोवा का कार्यक्रम...
इसके बाद, पीएम मोदी सारधा पंचाष्टमोत्सव के मौके पर गोवा में श्री संस्थान गोकर्ण परतगली जीवोत्तम मठ के 550वें साल के जश्न में हिस्सा लेंगे. मठ में कांसे से बनी श्री राम की 77 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण करेंगे और रामायण थीम पार्क गार्डन का उद्घाटन करेंगे. इस मौके पर, प्रधानमंत्री लोगों को संबोधित भी करेंगे और खास पोस्टल स्टैम्प और एक यादगार सिक्का जारी करेंगे.