देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पर जारी संकट के बीच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने अब सीधे कंपनी के शीर्ष प्रबंधन को जवाबदेह ठहराना शुरू कर दिया है. सूत्रों के अनुसार, DGCA की चार-सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच समिति ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स को 12 दिसंबर को पेश होने के लिए समन भेजा है.
समिति इंडिगो की विफल फ्लाइट प्लानिंग, संचालन संबंधी चूक और पायलट रोस्टरिंग में गंभीर विसंगतियों की जांच कर रही है. ये वही कारण हैं, जिनके चलते 2 दिसंबर से अब तक एयरलाइन ने 4,000 से अधिक उड़ानें रद्द की हैं.
इससे पहले गुरुवार को ही एल्बर्स और इंडिगो के वरिष्ठ अधिकारी DGCA शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकों में अपने स्पष्टीकरण और रिपोर्टें दे चुके हैं, लेकिन अब उन्हें विस्तृत पूछताछ के लिए समिति के समक्ष उपस्थित होना होगा.
DGCA का मानना है कि कंपनी के भीतर लंबे समय से चली आ रही आक्रामक शेड्यूलिंग, पायलट थकान प्रबंधन में गंभीर लापरवाही और नए सुरक्षा नियमों के प्रति असमर्थ तैयारी इस संकट की मूल वजहें हैं.
बता दें कि 8 दिसंबर को DGCA ने बड़ा आदेश जारी कर इंडिगो को 5% शेड्यूल घटाने का निर्देश दिया था, विशेष रूप से हाई-डिमांड सेक्टरों पर. DGCA ने नोटिस में कहा कि इंडिगो ने विंटर शेड्यूल में उड़ानों में 9.66% की बढ़ोतरी दिखाई, लेकिन उसे संचालित करने की क्षमता साबित नहीं कर सका.
यही नहीं, DGCA ने इंडिगो के संचालन और रोस्टरिंग में खामियों की जांच के लिए चार सदस्यीय पैनल बनाया है, जो यह पता लगाएगा कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसिलेशन क्यों हुए, यात्रियों को समय पर सूचना क्यों नहीं दी गई और बैगेज प्रबंधन क्यों चरमरा गया.
डीजीसीए के नए पायलट रेस्ट नियम 1 नवंबर से लागू हुए. इंडिगो इन नियमों के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं कर सका, जिसके चलते ऑन-टाइम परफॉर्मेंस धड़ाम से गिरा. नतीजन एक दिन में सैकड़ों उड़ानें रद्द हो गईंस एयरपोर्ट्स पर भारी अफरातफरी मच गई और यात्री घंटों तक फंसे रहे. इसके बाद करोड़ों रुपये के टिकट रिफंड जारी करने पड़े. CEO एल्बर्स ने सार्वजनिक संदेश में यात्रियों से माफी मांगते हुए कहा था कि नेटवर्क बहाली युद्धस्तर पर हो रही है. लेकिन DGCA इसे पर्याप्त नहीं मानता.