पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 22 साल पुराने रणजीत सिंह हत्या मामले में गुरमीत राम रहीम और चार अन्य आरोपियों को बरी कर दिया. इन सभी आरोपियों को 2021 में पंचकुला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया था. यह डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के लिए एक बड़ी राहत है, जो दोहरे बलात्कार के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद वर्तमान में सुनारिया जेल में बंद है.
रणजीत सिंह हत्याकांड
सीबीआई की विशेष अदालत ने 18 अक्टूबर, 2021 को 19 साल पुराने रणजीत सिंह हत्या मामले में जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और चार अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. गुरमीत राम रहीम के अलावा अन्य आरोपी अवतार सिंह, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह थे. पांचवें आरोपी इंदर सैन की 2020 में मौत हो चुकी है. डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब वह अपने पैतृक गांव कुरुक्षेत्र जिले में अपने खेतों से लौट रहे थे.
अक्टूबर 2021 में जब सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया तो गुरमीत राम रहीम अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में रोहतक के सुनैना जेल में बंद था. रणजीत सिंह की हत्या एक गुमनाम पत्र प्रसारित करने में उनकी संदिग्ध भूमिका के लिए की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि डेरा सच्चा सौदा महिला शिष्याओं के शोषण का केंद्र बन गया है. इसी पत्र के आधार पर 2002 में गुरमीत राम रहीम के खिलाफ रेप का मामला दर्ज किया गया था.
मामले में चश्मदीद गवाह रणजीत सिंह के पिता जोगिंदर सिंह और उनके पड़ोसी सुखदेव सिंह थे जिन्होंने शूटर जसबीर और सबदिल की पहचान की थी. सबदिल डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पूर्व गनमैन था. रणजीत सिंह के शरीर से बरामद गोली .455 बोर की पिस्तौल से चलाई गई थी जो सबदिल को डेरा द्वारा जारी की गई थी. डेरा प्रमुख के ड्राइवर खट्टा सिंह ने सीबीआई की विशेष अदालत में गवाही दी थी कि राम रहीम ने 16 जून 2002 को डेरा परिसर के अंदर आयोजित एक बैठक में अपने आदमी को रणजीत सिंह को मारने का आदेश दिया था. खट्टा ने कहा था कि वह भी उस बैठक में मौजूद था.
गुरमीत राम रहीम ने अपने बचाव में दावा किया था कि खट्टा सिंह जिस कथित बैठक की बात कही, उस दिन वह सिरसा में नहीं बल्कि राजस्थान में था. डेरा सच्चा सौदा ने 24 मई को घोषणा की थी कि वह लोकसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन करेगा. अब 28 मई को रणजीत सिंह हत्या मामले में गुरमीत राम रहीम को बरी किए जाने की टाइमिंग को ध्यान में रखते हुए सवाल उठाए जा रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि सिरसा स्थित डेरा प्रशासन ने लोकसभा चुनावों की देखरेख के लिए 15 सदस्यीय समिति नियुक्त की थी.
गुरमीत राम रहीम की पैरोल और फर्लो पर भी उठे सवाल
जब से दो शिष्याओं के साथ बलात्कार के आरोप में डेरा प्रमुख को 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई, तब से सिख संगठनों सहित कुछ हलकों द्वारा गुरमीत राम रहीम को दी जाने वाली लगातार पैरोल और फर्लो पर सवाल उठाए गए हैं. गुरमीत राम रहीम नौ बार पैरोल या फर्लो पर बाहर आ चुका है. उसे गुरुग्राम में अपनी बीमार मां से मिलने के लिए 24 अक्टूबर 2020 को एक दिन की पैरोल मिली. 21 मई, 2021 को एक दिन के लिए एक और पैरोल दी गई. उसे अपने परिवार से मिलने के लिए फरवरी 2022 में 21 दिन का फर्लो मिला. उसे z+ सुरक्षा कवर भी दिया गया.
जून 2022 में एक और पैरोल दिया गया जब वह 30 दिनों के लिए जेल से बाहर था और उत्तर प्रदेश के बरनगवा स्थित आश्रम में रुका था. इसी तरह 14 अक्टूबर 2022 को उसे 40 दिन की पैरोल मिली थी. इस दौरान उसने अपने तीन म्यूजिक वीडियो रिलीज किए. विभिन्न संगठनों और दिल्ली महिला आयोग द्वारा उठाई गई आपत्तियों के बावजूद, 21 जनवरी, 2023 को डेरा प्रमुख को 13वीं बार 40 दिन की पैरोल दी गई. इसके बाद 20 जुलाई 2023 को 30 दिन की पैरोल और 20 नवंबर 2023 को 21 दिन की फर्लो दी गई. 19 जनवरी 2024 को गुरमीत राम रहीम को अब तक की सबसे लंबी 50 दिन की पैरोल दी गई.
गुरमीत राम रहीम को दिए गए पैरोल और फर्लो को चुनौती देने वाली याचिकाओं की पर सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को दिए गए पैरोल और फर्लो पर एक हलफनामा पेश करने को कहा. अदालत ने हरियाणा सरकार से यह भी कहा है कि वह अगले आदेश तक या उच्च न्यायालय की अनुमति के बिना अतिरिक्त पैरोल देने के डेरा प्रमुख के आवेदन पर विचार न करे. यहां यह उल्लेख करना जरूरी है कि गुरमीत राम रहीम को मिले पैरोल और फर्लो का समय हरियाणा, पंजाब और हिमाचल में चुनावों के साथ मेल खाता है.
डेरा प्रमुख को राजनीति में दखल देने के लिए जाना जाता है. उसने सिरसा स्थित अपने डेरे में एक राजनीतिक विंग बनाई थी जो आतंकवादियों के राजनीतिक झुकाव का विश्लेषण करती थी. डेरा सच्चा सौदा अतीत में कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और भाजपा को समर्थन दे चुका है. हालांकि, कई बार चुनाव नतीजे डेरा के समर्थन के विपरीत आए हैं. डेरा सच्चा सौदा दावा करता है कि पंजाब और हरियाणा में उसके करोड़ों समर्थक हैं.
गुरमीत राम रहीम के खिलाफ लंबित मामले
नसबंदी का मामला
गुरमीत राम रहीम पर 400 भक्तों को कथित तौर पर नपुंसक बनाने का आरोप है. उसके खिलाफ 2015 में हंस राज चौहान नामक एक पीड़ित की शिकायत पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. इस मामले में सीबीआई ने 1 फरवरी 2018 को गुरमीत राम रहीम के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. मामले में एमपी सिंह और पंकज गर्ग समेत दो डॉक्टर भी आरोपी हैं.
बेअदबी का मामला
यह मामला 2007 में दर्ज किया गया था जिसमें उस पर सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया था. उसने बठिंडा जिले में एक समारोह के दौरान कथित तौर पर गुरु गोबिंद सिंह की नकल की थी. 2014 में बठिंडा की एक निचली अदालत ने उसे मामले से बरी कर दिया था. लेकिन 2015 में निचली अदालत के आदेश के खिलाफ एक पुनरीक्षण याचिका दायर की गई थी.