गोवा के नाइटक्लब बर्च बाय रोमियो लेन (Birch by Romeo Lane) अग्निकांड मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. नाइट क्लब के मालिक गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गोवा पुलिस को दो दिन की ट्रांजिट रिमांड पर सौंपने की अनुमति दे दी है. हालांकि, गोवा पुलिस ने अदालत से तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड की मांग की थी, लेकिन दो दिन की ही मंजूरी मिली.
कोर्ट के आदेश के मुताबिक, गोवा पुलिस को अब 48 घंटे के भीतर दोनों आरोपियों को गोवा की स्थानीय अदालत में पेश करना होगा और आगे की रिमांड के लिए वहां अपील करनी होगी. गोवा पुलिस ने दिल्ली में दोनों लूथरा बंधुओं की हिरासत हासिल करने के बाद उन्हें गोवा ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पुलिस टीम 17 दिसंबर की सुबह करीब 5 बजे फ्लाइट से दोनों आरोपियों को लेकर दिल्ली से गोवा के लिए रवाना होगी.
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के बाद जब गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा की अपने परिजनों से मुलाकात हुई, तो दोनों भाई फूट-फूटकर रोते नजर आए. परिवार के सदस्यों को देखकर वे खुद को संभाल नहीं पाए. लूथरा ब्रदर्स को मंगलवार को ही थाइलैंड से दिल्ली लाया गया था और गोवा पुलिस की टीम ने उन्हें आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. बता दें कि गोवा के अरपोरा स्थित बर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में 6 दिसंबर को आग लग गई थी, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में 20 से अधिक क्लब के कर्मचारी और 5 पर्यटक शामिल थे. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक अधिकांश लोगों की मौत दम घुटने से हुई.
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नाइटक्लब में आग लगने के तुरंत बाद दोनों आरोपी भाई थाइलैंड के फुकेट भाग गए थे. इस मामले में गोवा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी और इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस आर्गेनाइजेशन (Interpol) ने दोनों भाइयों के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया था. घटना को लेकर लापरवाही और अन्य गंभीर आरोपों की जांच चल रही है. गोवा पुलिस दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर मामले से जुड़े तथ्यों, जिम्मेदारियों और संभावित चूक को लेकर पूछताछ करेगी. दिल्ली की एक अदालत ने इससे पहले दोनों भाइयों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
इंटरपोल द्वारा उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किए जाने के बाद उन्हें थाईलैंड में हिरासत में लिया गया था. सुनवाई के दौरान पुलिस ने बताया कि जब बचाव दल आग बुझाने में जुटे थे, तब दोनों भाइयों ने मेकमाईट्रिप के जरिए टिकट बुक किए और 7 दिसंबर की सुबह तड़के भारत से भाग निकले. गोवा सरकार ने दोनों भाइयों के पासपोर्ट रद्द करने के लिए विदेश मंत्रालय से संपर्क किया था. हालांकि, भारत सरकार के अनुरोध के बाद, दोनों को 11 दिसंबर को थाई अधिकारियों द्वारा फुकेत में हिरासत में ले लिया गया था.