गोवा के अर्पोरा इलाके में शनिवार देर रात एक बड़े हादसे ने पूरे राज्य को झकझोर दिया. नाइट क्लब में लगी भीषण आग में 25 लोगों की मौत हो गई और कम से कम छह लोग घायल हुए. शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि क्लब के अंदर इलेक्ट्रिक फायरक्रैकर्स चलाए गए, जिससे रात 11:45 बजे आग भड़क उठी. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया कि क्लब के पास फायर डिपार्टमेंट का NOC तक नहीं था और कई सुरक्षा नियमों का खुला उल्लंघन किया गया.
हादसे के वक्त क्लब में 100 से ज्यादा लोग मौजूद थे. आग लगते ही अफरा-तफरी मच गई, लेकिन छोटे दरवाजे, संकरी गलियां और अस्थायी पाम लीफ ढांचे ने बाहर निकलने का कोई मौका नहीं दिया. दमकल वाहनों की एंट्री भी संकरी गलियों के कारण बाधित रही, जिससे आग तेजी से फैल गई. अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश मौतें दम घुटने से हुईं, क्योंकि कई लोग ग्राउंड फ्लोर और किचन में फंस गए थे.
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मृतकों में 20 कर्मचारी और पांच पर्यटक शामिल हैं, जिनमें दिल्ली के चार लोग भी थे. चार नेपाली नागरिक भी इस हादसे का शिकार हुए. सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है. शवों को उनके गृह राज्यों तक भेजने की व्यवस्था भी की जा रही है.
नाइट क्लब के चार मैनेजर को किया गया अरेस्ट
पुलिस ने क्लब के चार मैनेजर राजीव मोडक, विवेक सिंह, राजीव सिंघानिया और रियान्शु ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया है. मालिकों गौरव और सौरभ लूथरा समेत इवेंट ऑर्गनाइजर्स पर FIR दर्ज की गई है. इसके अलावा तीन वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है, जिन पर बिना दस्तावेज और अनुमति के क्लब को संचालन की अनुमति देने का आरोप है.
क्लब का मालिक अभी पुलिस की पकड़ में नहीं आया है. गोवा पुलिस क्लब के मालिकों गौरव और सौरभ लूथरा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर सकती है.
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आग फैलते ही मच गई भगदड़, दमघुटने से लोगों ने तोड़ा दम
कुछ चश्मदीदों ने दावा किया कि आग क्लब की पहली मंजिल पर डांस के समय आग लगी. एक पर्यटक ने बताया कि आग फैलते ही "भगदड़ जैसी स्थिति बन गई" और लोग नीचे की ओर भागे, जहां वे फंस गए. मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि सरकार ऐसे सभी क्लबों का ऑडिट कराएगी जो बिना अनुमति या सुरक्षा मानकों के संचालित हो रहे हैं, ताकि किसी भी भविष्य की घटना को रोका जा सके.