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फर्जी BARC वैज्ञानिक की मदद करने वाला झारखंड से गिरफ्तार, मुंबई क्राइम ब्रांच की कार्रवाई

मुंबई पुलिस ने फर्जी BARC वैज्ञानिक की मदद करने वाले झारखंड के साइबर कैफे मालिक मोनाजिर खान को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने मुख्य अपराधी अख्तर हुसैन के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए थे. जांच में कई संदिग्ध नक्शे और गोपनीय दस्तावेज मिले हैं. दोनों के खिलाफ क्राइम ब्रांच और केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं.

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मुंबई क्राइम ब्रांच ने पहले फर्जी BARC के फर्जी साइंटिस्ट को पकड़ा था. (सांकेतिक तस्वीर)
मुंबई क्राइम ब्रांच ने पहले फर्जी BARC के फर्जी साइंटिस्ट को पकड़ा था. (सांकेतिक तस्वीर)

मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) ने झारखंड से एक 34 वर्षीय साइबर कैफे मालिक को गिरफ्तार किया है, जो एक ऐसे शख्स की मदद कर रहा था जो खुद को भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) का वैज्ञानिक बताकर कई देशों में घूम रहा था.

पकड़े गए आरोपी का नाम मोनाजिर खान है. जांच में पता चला है कि उसने 60 वर्षीय मुख्य आरोपी अख्तर हुसैन कुतुबुद्दीन अहमद के लिए फर्जी शैक्षणिक सर्टिफिकेट तैयार किए और डिजिटल दस्तावेजों में हेरफेर की.

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मुंबई क्राइम ब्रांच ने बताया कि मोनाजिर खान अपने साइबर कैफे में फर्जी दस्तावेज तैयार करने और उनमें बदलाव करने का काम करता था.

भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर का फर्जी आई कार्ड

पिछले हफ्ते, मुंबई में पुलिस ने अख्तर अहमद को गिरफ्तार किया था. वह फर्जी BARC पहचान पत्र (ID Card) लेकर घूम रहा था, जिससे उसे कई जगहों पर भरोसे और प्रतिबंधित इलाकों में पहुंचने में आसानी मिलती थी.

अहमद की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को 14 नक्शे और कुछ संवेदनशील डेटा वाले दस्तावेज भी मिले, जो "गोपनीय" दिखते थे. हालांकि, पुलिस ने साफ किया है कि इन दस्तावेजों की सच्चाई की जांच चल रही है.

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मोनाजिर खान को मुंबई लाया गया

डिजिटल जांच के बाद, CIU ने अहमद के संपर्क झारखंड तक ट्रेस किए और मोनाजिर खान को वहां से गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए मुंबई लाया गया है.

यह मामला अब केंद्रीय एजेंसियों और मुंबई क्राइम ब्रांच की संयुक्त जांच के तहत चल रहा है, ताकि पता लगाया जा सके कि फर्जी वैज्ञानिक ने किन देशों में जाकर खुद को BARC अधिकारी बताया और उसने इस पहचान का गलत इस्तेमाल कहां-कहां किया.

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