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'दिल्ली में टोल बूथ बंद करें...', बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का MCD-NHAI को सुझाव

इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने गुरुवार से दिल्ली के सभी सरकारी और निजी संस्थानों में 50 फीसदी वर्क फ्रॉम होम जरूरी कर दिया है.

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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट (Photo: PTI)
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट (Photo: PTI)

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से नौ टोल कलेक्शन बूथों को शिफ्ट करने पर विचार करने को कहा है.

इस दौरान कोर्ट ने इन टोल कलेक्शन बूथों को एनएचएआई के नियंत्रित क्षेत्र में शिफ्ट करने का सुझाव भी दिया ताकि जाम से निजात पाई जा सके. अदालत ने कहा कि टोल कलेक्शन दोनों एजेंसियों के बीच साझा किया जा सकता है.

इसके अलावा, कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CQM) और एमसीडी को नोटिस जारी कर राजधानी में प्रवेश करने वाले टोल प्लाजाओं पर यातायात जाम को प्रदूषण के स्रोत के रूप में उल्लेख करने वाली याचिका पर उनका जवाब मांगा है. 

दिल्ली एनसीआर में बढ़ती प्रदूषण की समस्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम सुझाव दिया है कि वह टोल बूथ को शिफ्ट करे और एक हफ्ते के भीतर इस पर फैसला करें. कोर्ट ने एनएचएआई से भी कहा है कि विकल्प के तौर पर टोल वसूल कर MCD को हिस्सा देने पर विचार किया जाए. 

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दरअसल इस सुनवाई के दौरान कोर्ट को उन समस्याओं से अवगत कराया गया, जो दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की एक बड़ी वजह है. इनमें दिल्ली-गुरुग्राम का एमसीडी टोल प्लाजा भी शामिल है. कोर्ट को बताया गया कि इस टोल की वजह से घंटों लंबा जाम लगता है.

चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपको फिजिकली टोल वसूलने की जररूत क्यों है? आपको पता है कि अगले साल भी स्थिति ऐसी ही रहने वाली है. आप हमें बताइए कि टोल प्लाजा पर लगने वाले ट्रैफिक जाम की स्थिति से बचने के लिए आप क्या करेंगे. आप दो महीने के लिए टोल बूथ बंद क्यों नहीं कर सकते. 

बता दें कि इससे पहले दिल्ली कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने ऐलान किया कि गुरुवार से दिल्ली के सभी सरकारी और निजी संस्थानों में 50 फीसदी वर्क फ्रॉम होम करना अनिवार्य होगा. श्रम विभाग ने फैसला लिया है कि GRAP-3 के दौरान 16 दिन निर्माण कार्य बंद रहने से प्रभावित रजिस्टर्ड मजदूरों को दिल्ली सरकार सीधे खाते में 10,000 रुपये का मुआवजा देगी.

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