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नाम CEO, काम केमिकल बम बनाना... हमले की प्लानिंग के साथ पकड़े गए ISIS के 5 संदिग्ध आतंकी

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और केंद्रीय एजेंसियों ने एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया है. दिल्ली, मुंबई और झारखंड में हुए ऑपरेशन में पांच संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. यह मॉड्यूल ISIS से प्रेरित था और केमिकल बमों से बड़े हमले की योजना बना रहा था. गिरफ्तार आतंकी पाकिस्तान के हैंडलर से संपर्क में थे और सोशल मीडिया के जरिये नए लोगों को जोड़ रहे थे.

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ISIS मॉड्यूल का पर्दाफाश (Photo: ITG)
ISIS मॉड्यूल का पर्दाफाश (Photo: ITG)

देश में एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और केंद्रीय एजेंसियों ने मिलकर नाकाम कर दिया है. छापेमारी कर एक बड़े आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश किया गया है. तीन राज्यों दिल्ली, मुंबई और झारखंड में एक साथ चलाए गए ऑपरेशन में पांच संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. यह नेटवर्क ISIS से प्रेरित था और दिल्ली में केमिकल बमों के जरिए बड़े पैमाने पर हमला करने की योजना बना रहा था.

मास्टरमाइंड ने अपना नाम रखा था CEO

पुलिस के मुताबिक, इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड झारखंड का रहने वाला दानिश था, जो बीटेक पास है. दानिश पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था और सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को जोड़ने का काम करता था. वह खुद को सुरक्षा एजेंसियों से बचाने के लिए ‘सीईओ’ कहलाता था और मॉड्यूल का नाम 'गजवा' रखता था. दानिश के नेटवर्क में मुंबई के कल्याण का रहने वाला आफताब, कामरान और हुजैफा भी शामिल थे.

केमिकल बम बनाने के रॉ मटीरियल बरामद

बुधवार को पुलिस ने दिल्ली से आफताब और सूफियान को पकड़ा. इनके पास से हथियार और आईईडी, बनाने के रॉ मटीरियल बरामद हुए. झारखंड के रांची से गिरफ्तार असहर दानिश के ठिकाने से भी केमिकल आईईडी बनाने का सामान मिला. देर रात मिले इनपुट के आधार पर दो और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया, जिससे कुल गिरफ्तारियां पांच हो गईं हैं.

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पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में थे आतंकी

पुलिस ने बताया कि ये आतंकी पाकिस्तान के हैंडलर के संपर्क में थे, जो उन्हें हथियार बनाने के तरीके और तस्वीरें भेजते थे. हैंडलर पहले रॉ मटीरियल जुटाने के निर्देश देता था, फिर उनसे आईईडी बनवाने की योजना बनाता था. आफताब को हथियार सौंपा गया था, जिसे लेकर वह दिल्ली पहुंचा था लेकिन कुछ करने से पहले ही पकड़ा गया.

20-25 साल के युवाओं को करते थे टार्गेट

यह मॉड्यूल 20-25 साल के युवाओं का था, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नजर रखते और जिनकी विचारधारा मेल खाती उन्हें जोड़ने की कोशिश करते थे. इनकी योजना किसी जगह कब्जा कर “खिलाफत” की शुरुआत करने की थी. फिलहाल जांच एजेंसियां इनके टारगेट और नेटवर्क का पता लगाने में जुटी हैं. इस सफल ऑपरेशन ने दिल्ली समेत देशभर में एक बड़े आतंकी खतरे को टाल दिया है.

 

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