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'जो काम नहीं करना चाहते रिटायर हो जाएं', कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का पार्टी नेताओं को सख्त संदेश

अहमदाबाद में साबरमती नदी के तट पर आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के 84वें अधिवेशन में अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बात पर भी जोर दिया कि पार्टी संगठन में जिला अध्यक्षों की भूमिका को और बढ़ाया जाएगा तथा उनकी नियुक्ति सख्ती एवं निष्पक्षता से की जाएगी. 

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 कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे. (Photo: X/@INC)
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे. (Photo: X/@INC)

मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कांग्रेस नेताओं को तीखा संदेश देते हुए कहा कि जो लोग पार्टी के काम में मदद नहीं करते, उन्हें आराम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जो लोग अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभाते, उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए. अहमदाबाद में साबरमती नदी के तट पर आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के 84वें अधिवेशन में अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बात पर भी जोर दिया कि पार्टी संगठन में जिला अध्यक्षों की भूमिका को और बढ़ाया जाएगा तथा उनकी नियुक्ति सख्ती एवं निष्पक्षता से की जाएगी. 

उन्होंने कहा, 'संगठन में जिला अध्यक्षों की भूमिका महत्वपूर्ण होने जा रही है. इसलिए उनकी नियुक्ति एआईसीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार सख्ती और निष्पक्षता से की जानी चाहिए.' खड़गे ने कहा कि जिला अध्यक्ष को अपनी नियुक्ति के एक वर्ष के भीतर सर्वश्रेष्ठ लोगों को जोड़कर बूथ समिति, मंडल समिति, ब्लॉक समिति और जिला समिति बनानी होती है. उन्होंने कहा कि इसमें कोई पक्षपात नहीं होना चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'हमने देश भर के जिला अध्यक्षों की तीन बैठकें भी बुलाईं. राहुल जी और मैंने उनसे बात की और उनकी राय ली. भविष्य में हम चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया में जिला अध्यक्षों को भी शामिल करने जा रहे हैं.'

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खड़गे ने कहा, ‘मैं यह भी कहना चाहता हूं कि जो लोग पार्टी के काम में मदद नहीं करते, उन्हें आराम करने की जरूरत है, जो अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभाते, उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए.' कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल के सिद्धांतों का अनुसरण कर रही है. उन्होंने कहा, ‘साबरमती के तट से हम न्याय के मार्ग पर चलने के लिए दृढ़ संकल्प, संघर्ष और समर्पण का संदेश लेकर जा रहे हैं.’ खड़गे ने कहा, 'हम फिर से भारत की आजादी के लिए लड़ रहे हैं. आजादी की इस दूसरी लड़ाई में दुश्मन फिर से अन्याय, असमानता, भेदभाव, गरीबी और सांप्रदायिकता हैं.'

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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि फर्क सिर्फ इतना है कि पहले विदेशी लोग अन्याय, गरीबी और असमानता को बढ़ावा देते थे, अब हमारी अपनी सरकार ऐसा कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया, 'तब विदेशी लोग सांप्रदायिकता का फायदा उठाते थे, आज हमारी अपनी सरकार इसका फायदा उठा रही है. लेकिन हम यह लड़ाई भी जीतेंगे.' उन्होंने आरोप लगाया कि ईवीएम को डिजाइन ही विपक्षी दलों को हराने के लिए किया गया है. उन्होंने एक बार फिर बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग उठाते हुए कहा कि दुनिया के 95 फीसदी देश बैलट पेपर से चुनाव कराते हैं और हम अब भी ईवीएम के भरोसे हैं. बता दें कि कांग्रेस ने गुजरात में 60 साल बाद अपना कोई अधिवेशन आयोजित किया है.
 

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